10वीं फेल, BA प्राइवेट, सिविल सेवा परीक्षा में 3 अटेम्प्ट, जानें UPSC में सफलता की अनोखी कहानी
UPSC Success Story: दसवीं कक्षा में फेल, 12वीं में 68%, BA प्राइवेट पास की और UPSC परीक्षा में 3 बार असफल हुआ लेकिन जिद ऐसी कि इतनी असफलताओं के बावजूद हार नहीं मानी. आखिरकार उसका ख्वाब तब जाकर पूरा हुआ जब चौथी बार यूपीएससी का एग्जाम दिया. इस बार उसने ऑल इंडिया 644वीं रैंक हासिल […]
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UPSC Success Story: दसवीं कक्षा में फेल, 12वीं में 68%, BA प्राइवेट पास की और UPSC परीक्षा में 3 बार असफल हुआ लेकिन जिद ऐसी कि इतनी असफलताओं के बावजूद हार नहीं मानी. आखिरकार उसका ख्वाब तब जाकर पूरा हुआ जब चौथी बार यूपीएससी का एग्जाम दिया. इस बार उसने ऑल इंडिया 644वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया.
यह कहानी है राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के भांबरा का बाडिया गांव के रहने वाले ईश्वर गुर्जर की जिन्होंने परीक्षा में कम नंबर आने पर हताश होकर अपने प्रयास नहीं छोड़े बल्कि मेहनत के बल पर मुकाम हासिल करके दिखाया.
खुद सनाई अपने संघर्ष की दास्तां
ईश्वर गुर्जर ने बताया कि साल 2011 में वह 10वीं कक्षा में फेल हो गए थे. पहले पढ़ाई छोड़ने का मन बनाया. इसके बाद ओपन यूनिवर्सिटी से परीक्षा देने पर विचार किया मगर पिताजी ने कहा कि इतनी जल्दी पढ़ाई से घबराने की जरूरत नहीं है. ईश्वर ने 10वीं क्लास में दोबारा एडमिशन लेकर परीक्षा दी और साल 2012 में 54% अंकों से परीक्षा पास की. वह यहीं नहीं रुके, 12वीं कक्षा 68% अंकों से पास की और 12वीं के बाद रेगुलर पढ़ाई नहीं कर महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी अजमेर से प्राइवेट विद्यार्थी के रूप में बीए पास किया.
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थर्ड ग्रेड टीचर में भी हो चुके हैं सिलेक्ट
ईश्वर ने साल 2019 में ग्रेड थर्ड शिक्षक बनकर अपने गांव के पास ही रूपरा की राजकीय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की.
साले और ससुर से मिली यूपीएससी पास करने की प्रेरणा
ईश्वर के साले महेंद्र पाल गुर्जर हिमाचल प्रदेश कैडर के IAS अधिकारी हैं और ससुर नाथूराम गुर्जर भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट में नौकरी करते हैं. इन दोनों ने ही उन्हें खूब प्रेरित के साथ-साथ सहयोग भी किया.
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माता गृहिणी और पिता हैं किसान
सिविल सेवा परीक्षा 2022 में 644 वी रेंक हासिल करने वाले ईश्वर गुर्जर के पिता सुवालाल किसान हैं. वहीं उनकी माता सुखी देवी ग्रहणी हैं. इनके दो बहने हैं जिनमें एक बहन भावना की शादी हो चुकी है और छोटी बहन पूजा 12वीं कक्षा में पढ़ रही है.
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शादी के बावजूद बिना कोचिंग के की तैयारी
15 नवंबर 1993 को जन्मे ईश्वर ने बताया कि यूपीएससी परीक्षा के लिए उन्होंने कोई कोचिंग नहीं की. स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बाद स्टाफ ने सहयोग किया और वह खुद तैयारी में जुट गये. साल 2020 में सुगना देवी से इनकी शादी भी हो गई अभी डेढ़ साल की बेटी है. पत्नी ने परिवार की जिम्मेदारी संभाली जिससे उन्हें तैयारी के लिए वक्त मिल पाया.
चौथे प्रयास में पाई सफलता
ईश्वर ने बताया कि सिविल सेवा परीक्षा में वह चौथे प्रयास में सफल हुए हैं. वर्ष 2019 में वह प्रीलिम्स में फेल हो गए. 2020 में इंटरव्यू तक पहुंचे मगर सफलता नहीं मिली. 2021 में फिर फेल हो गए मगर हताश नहीं हुए. आखिरकार चौथे प्रयास में 2022 की यूपीएससी परीक्षा में उन्होंने 644 वी रैंक हासिल की. हालांकि वह अभी रुके नहीं हैं और इससे भी अच्छी रैंक लाने के लिए एक बार फिर 2023 की परीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं.
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