Alwar News:अलवर सांसद महंत बालक नाथ और डीएसपी बहरोड़ आनंद राव के बीच जंग अब सियासी रूप ले चुकी है. बहरोड़ डीएसपी आनंद राव ने सांसद के ऑफिस में कार्यरत कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि सांसद कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी ने फायरिंग के एक आरोपी को एक पैकेट दिया था. जिसमें रुपए भी हो सकते हैं. इसकी जांच की जा रही है. इस आरोपी से पूछताछ से सांसद बौखला गए हैं. पुलिस अपना काम कर रही है. वहीं इस मामले में अभी तक खामोशी साधे हुए बहरोड़ विधायक आज मीडिया से रूबरू होंगे.
डीएसपी आनंद राव के समर्थन में बहरोड़ में लोगों ने सांसद बालक नाथ के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया और उनका पुतला फूंका. वहीं बहरोड़ डीएसपी की कार्य की सराहना की गई. बहरोड़ थाने में रविवार को नेताओं और डीएसपी के हुई नोंकझोक के बाद सोमवार दोपहर को बहरोड़ विधायक बलजीत यादव के सैकड़ों समर्थकों के द्वारा थाने के सामने अलवर सांसद बाबा बालक नाथ का पुतला फूंक कर विरोध जताया. साथ ही अलवर सांसद मुर्दाबाद के नारे लगाए. इस दौरान सैकड़ों समर्थक मौजूद रहे. इस दौरान बहरोड़ विधायक बलजीत यादव के समर्थकों ने बहरोड़ डीएसपी को कहा की किसी से भी डरने की जरूरत नही है. क्षेत्र की जनता आपके साथ है.
बहरोड़ डीएसपी आनंद राव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि फायरिंग का लिंक सांसद कार्यालय से जुड़ा हुआ है. प्रेसवार्ता में डीएसपी ने कहा कि जिला अस्पताल में कुख्यात आरोपी लादेन पर फायरिंग हुई थी उसका आरोपी सचिन सचिन मीणा ऊर्फ रोमी को पुलिस ने मौके से पकड़ा था. जिससे पूछताछ की गई, जिसमें रोमी ने बताया कि सांसद कार्यालय बहरोड़ का प्रभारी लोकेश यादव, निशांत यादव और एक अन्य व्यक्ति 3 जनवरी को जसराम गुर्जर गैंग के मुख्य आरोपी रामपाल गुर्जर के घर जैनपुरबास गए थे.
जहां इन्होंने रामफल गुर्जर को एक पैकेट दिया था. इसमें क्या है यह भी जानकारी नहीं है लेकिन इसमें पैसे भी हो सकते हैं. इस मुलाकात के बाद अगले दिन यानी 4 जनवरी को बहरोड़ में छात्र संघ अध्यक्ष के कार्यक्रम में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हुआ. जिसमें रामपाल गुर्जर, विक्रम बबेड़ी आदि कॉलेज के छात्र संघ समारोह में मंच पर बैठे थे. 5 जनवरी को अस्पताल में विक्रम गुर्जर उर्फ लादेन पर फायरिंग की घटना को अंजाम दिया. जिसमें तीन बदमाश शामिल थे. इस बदमाश को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. उनसे पूछताछ के उसके बाद जो तथ्य सामने आए हैं उसके आधार पर पुलिस अन्य लोगों से पूछताछ कर रही. जिसको सांसद नहीं पचा पा रहे हैं.
इस प्रकार के तथ्य सामने आने के बाद पुलिस इन लोगों को पूछताछ के लिए लेकर आई थी. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को पुलिस लेकर आई उन लोगों का समर्थन करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस जांच कानून के दायरे में जारी है. इस मामले की जांच एसपी भिवाड़ी ने अब एएसपी नीमराणा को सौंप दी है.
अब इस मामले में सवाल ये उठता है कि डीएसपी बहरोड़ से जांच हटाकर एडिशनल एसपी नीमराणा को जांच सौंप दी गई है तो बहरोड़ डीएसपी इस पूरे मामले पर बयान बाजी क्यों कर रहे हैं. बहरोड़ डीएसी के द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं वह आरोप सत्य है तो जिन लोगों को हिरासत में पुलिस ने लिया तो उन्हें बिना कार्रवाई के क्यों छोड़ दिया. पुलिस ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की. इस मामले पर पुलिस के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.
बहरोड़ डीएसपी के आरोपों के बाद बहरोड़ सांसद बालक नाथ पर आरोपियों को बचाने का भी आरोप लग रहा है. विधायक समर्थक कह रहे हैं कि सांसद बालक नाथ आरोपियों को संरक्षण दे रहे हैं और पुलिस को जांच करने नहीं दिया जा रहा है. वहीं मामले में एसपी के आश्वासन के बाद भाजपा और कांग्रेस नेताओं ने धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया था. सांसद बालकनाथ ने कहा था कि पुलिस पर आखिरी बार भरोसा कर रहे हैं. डीजीपी से बात हुई है और भिवाड़ी एसपी ने 5 दिन का समय मांगा है. 5 दिन में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती है तो पुलिस के खिलाफ आंदोलन खड़ा किया जाएगा. बहरोड़ में निर्दोष लोगों पर डीएसपी की कार्रवाई का विरोध जारी रहेगा. उसे हटाने की मांग जारी रहेगी.