Rajasthan News: ठंड किसे नहीं लगती साहब, बड़ों से लेकर बच्चों तक सबको लगती है. यहां तक कि पशु, पक्षी और रेंगने वाले जीव भी इस कड़ाके की सर्दी से परेशान हैं. लेकिन जैसे ही मंगलवार को तेज धूप निकली तो भरतपुर में आमजन से लेकर पशु, पक्षी और वन्य जीवों को भी ठंड से राहत मिली है. लोग अपने घरों से बाहर निकलकर धूप का आनंद ले रहे हैं तो वन्य जीव भी कहां पीछे रहने वाले थे. राष्ट्रीय पक्षी उद्यान के जंगल में सर्दी से राहत पाने के लिए करीब 20 फीट लंबा अजगर अपने परिवार के साथ धूप स्नान करने के लिए गुफा से बाहर निकल आया. केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान के जंगल में हनुमान जी मंदिर से कुछ दूरी पर अजगर धूप सेंकते हुए देखा गया. अजगर के साथ उसके परिवार के चार अन्य छोटे अजगर भी धूप स्नान करते हुए देखे गए.
गौरतलब है कि केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में पाइथन और अजगर काफी संख्या में पाए जाते हैं. हालांकि यह उद्यान प्रवासी पक्षियों के लिए विख्यात है. 29 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान को पक्षियों का स्वर्ग भी कहा जाता है. यहां देश विदेशों से प्रवासी पक्षी इस सीजन में आते हैं और ब्रीडिंग के बाद बच्चे पैदा करते हैं जो गर्मी शुरू होते ही फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में अपने देशों की तरफ वापस लौट जाते हैं.
केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान जो एक घना जंगल था उसे महाराजा सूरजमल ने यहां स्थापित किया था. माना जाता है कि इसका संबंध कृष्ण भगवान के काल से भी है क्योंकि मामा कंस ने भगवान कृष्ण को मारने के लिए जिस कालिया नाग को भेजा था वह कालिया नाग इसी जंगल में रहता था. इस जगह को आज केवलादेव नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता है.
यह भी पढ़ें: 14 जनवरी से फिर शुरू हो सकता है शीतलहर का नया दौर, मौसम विभाग ने जताई प्रबल संभावना