बकरी चराने गए व्यक्ति को जबड़े में दबाकर चंबल नदी में ले गया मगरमच्छ, हाथ धोकर खाना खाने बैठा था युवक
Karauli: राजस्थान के करौली में 60 किलोमीटर दूर चंबल में एक पशुपालक को मगरमच्छ जबड़े में दबाकर ले गया. चंबल किनारे करणपुर के पास डगरिया निवासी पशुपालक सरवन महावर उम्र 50 वर्ष अपनी भेड़ बकरियों को पानी पिलाने के लिए चंबल किनारे ले गया. भेड़ बकरियों को पानी पिला कर खुद हाथ साफ करके अपना […]
ADVERTISEMENT
Karauli: राजस्थान के करौली में 60 किलोमीटर दूर चंबल में एक पशुपालक को मगरमच्छ जबड़े में दबाकर ले गया. चंबल किनारे करणपुर के पास डगरिया निवासी पशुपालक सरवन महावर उम्र 50 वर्ष अपनी भेड़ बकरियों को पानी पिलाने के लिए चंबल किनारे ले गया. भेड़ बकरियों को पानी पिला कर खुद हाथ साफ करके अपना खाना खाने की तैयारी करने लगा. इसी बीच घात लगा कर बैठा मगरमच्छ पशुपालक सरवन महावर को जबड़े में दबाकर चंबल नदी में ले गया.
पशुपालक ने काफी उससे बचने का प्रयास किया शोर शराबा किया लेकिन आसपास के चरवाहे दौड़कर चंबल किनारे आते तब तक मगरमच्छ सरवन महावर को चंबल के बीचो बीच में ले गया जिसे उसने देर रात तक नहीं छोड़ा. पशुपालक की रोटी कपड़े चंबल किनारे मिल गए हैं. सूचना मिलने पर परिजन व ग्रामीण आसपास के खेतों में काम कर रहे लोग चरवाहे मौके पर पहुंचे और उसे बचाने का प्रयास किया लेकिन देर रात तक उसे मगरमच्छ के जबड़े से छुड़ा नहीं पाए.
घटना की जानकारी लगने पर करणपुर थानाधिकारी लाल मीना पुलिस टीम के बहादुर मीणा पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे. स्थानीय सरपंच, ग्राम सचिव आदि भी खाली हाथ मौके पर पहुंच गए लेकिन आपदा प्रबंधन की टीम नहीं पहुंचने से पशुपालक को मगरमच्छ के जबड़े से नहीं छुड़ाया जा सका. चंबल के किनारे अधिकतर गांवों में पशुपालक रहते हैं, इससे पहले भी कई बार पशुपालकों को चंबल में मगरमच्छ पकड़ कर ले गए. इनमें से कोई भी जीवित नहीं बचा.
ADVERTISEMENT
घटना गंभीर होने के बाद भी जिला प्रशासन की ओर से इन हिंसक जलीय जीवों से बचने के लिए चंबल के अस्थाई घाटों पर कोई घड़ियाल सेंचुरी का गार्ड नहीं रहता. ना ही गहरे पानी में जाने और जलीय जीव जंतुओं से बचने के संकेतक लगे हुए हैं. बिना संकेतक लगे हुए सेल्फी के जमाने में आजकल जो भी चंबल किनारे पहुंचता है. पानी देखता है, विहंगम दृश्य देखता है फोटो खिंचवाने के शौकीन लोग चंबल किनारे पहुंच जाते हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि इसमें हिंसक जीव मगरमच्छ बहुत अधिक मात्रा में हो गए हैं. जो आए दिन पशुपालकों को अपना शिकार बना रहे हैं.
बताया जा रहा है कि डगरिया निवासी सरवन महावर प्रतिदिन अपनी भेड़ बकरियों को चराने के लिए चंबल किनारे सुबह ही निकल जाते हैं और देर शाम आता है उसके एक बेटा व तीन बेटियां हैं परिजनों को घटना के बाद से ही रो रो कर बुरा हाल है. इधर प्रशासन के लोग हाथ पर हाथ धर के चंबल किनारे मगरमच्छ अपने आप सरवन महावर को छोड़ने का इंतजार कर रहे हैं.
ADVERTISEMENT
अस्थाई तौर पर ट्यूब व स्ट्रीमर की सहायता से मगरमच्छ से पशुपालक को छुड़ाने का प्रयास शाम ढलने तक किया गया. अंधेरा होने पर ग्रामीण परिजन मौके पर टिके रहे. जबकि प्रशासन के लोग वहां से अंधेरा होने की बात कहकर वापस लौट गए. घटना दोपहर की होने के बावजूद सिविल डिफेंस की टीम भी मौके पर नहीं पहुंची. ना ही आपदा प्रबंधन से कोई नहीं पहुंचा.
ADVERTISEMENT
करणपुर थाना अधिकारी लाल बहादुर मीणा ने बताया कि सरवन महावर निवासी डगरिया चंबल नदी के किनारे भेड़ बकरी चरा रहा था. वहां घाट के नजदीक स्नान कर रहा था. मगरमच्छ आया और उसे पकड़ कर ले गया. नदी में दिखाई दे रहा है कोशिश जारी है निकालने की.
जिस विधायक ने आंख दिखाई, उसे ही जिला बना दिया, सुजानगढ़ का जिला न बनाने पर भड़के राजेन्द्र राठौड़
ADVERTISEMENT