कोटा: सुसाइड की घटना बढ़ने के बाद अवैध बने हॉस्टल पर UIT की कार्रवाई, 8 मंजिला बिल्डिंग सीज
Kota: कोटा शहर में मंगलवार को नगर विकास न्याय की टीम ने एक निर्माणाधीन अवैध हॉस्टल को सीज किया है. बिना परमिशन के ही 8 मंजिला हॉस्टल का निर्माण किया जा रहा था. सक्षम न्यायालय से अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय मंगलवार को पारित किया गया, जिसमें इस निर्माण को सीज करने […]
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Kota: कोटा शहर में मंगलवार को नगर विकास न्याय की टीम ने एक निर्माणाधीन अवैध हॉस्टल को सीज किया है. बिना परमिशन के ही 8 मंजिला हॉस्टल का निर्माण किया जा रहा था. सक्षम न्यायालय से अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय मंगलवार को पारित किया गया, जिसमें इस निर्माण को सीज करने के निर्देश प्राप्त हुए.
न्यास सचिव राजेश जोशी के निर्देश पर टीम मौके पर पहुंची. उपाधीक्षक आशीष भार्गव के साथ न्यास का जाब्ता कनिष्ठ अभियंता नितिन नागर भू अभिलेख निरीक्षक कपिल सोनी और पटवारी व कानूनगो की टीम पहुंची. वहां जाकर देखा तो मौके पर जी प्लस 8 मंजिल हॉस्टल का निर्माण हो रहा था जबकि इतनी मंजिल निर्माण को परमिशन नहीं है. उन्होंने बताया कि हॉस्टल के मालिक राहुल जैन को फोन कर मौके पर उपस्थित होने को कहा गया लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए. उसके बाद पूरे भवन की ऊपर से नीचे तक फोटोग्राफी करवाई गई.
हालत यह है कि शहर में विशेष रूप से नए कोटा शहर के जवाहर नगर, डिस्ट्रिक्ट सेंटर, राजीव गांधी नगर, इंद्र विहार समेत अधिकतर कोचिंग क्षेत्रों में अवैध निर्माण कर हॉस्टल बनाए जा चुके हैं. बिना परमिशन के आठ से 10 मंजिला हॉस्टल बनकर तैयार भी हो गया. लेकिन उनके खिलाफ पूर्व में कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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बीते दिनों पहले एलन कोचिंग संस्थान के छात्र की छठी मंजिल से गिरने पर मौत हो गई थी. वह हॉस्टल भी बिना परमिशन के 10 मंजिला खड़ा हो गया है, उस हॉस्टल में इतना बड़ा हादसा होने के बाद भी सिर्फ फायर सिस्टम नहीं लगा होने पर निगम के फायर अनुभाग ने 7 दिन का नोटिस जारी किया उसके अलावा हॉस्टल मालिक के खिलाफ अवैध निर्माण संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की गई.
शहर में नए कोटा का क्षेत्र हो या नदी पार कुन्हाड़ी स्थित लैंड मार्क का क्षेत्र या निर्मित हॉस्टलों में पिछले कई दिनों से कभी आग लगने की घटनाएं हो रही हैं तो कभी हॉस्टल से कूदकर खुदकुशी करने की घटनाएं. अवैध निर्माण की नींव पर खड़े उन हॉस्टलों के खिलाफ निगम न्याय व जिला प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की.
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