अलवर: रणथंभौर से सरिस्का में शिफ्ट हुई बाघिन, पिंजरा खोलते ही डरते हुए निकली बाहर, फिर एकदम दौड़ी

Alwar: अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व में एक नया मेहमान आ गया है. यह मेहमान रणथंभौर से अलवर लाया गया है. गुरुवार रात करीब साढ़े 8 बजे रणथंभौर से एक बाघिन टी-134 को सरिस्का में छोड़ा गया है. बाघिन को सरिस्का के टहला रेंज एरिया में वन अधिकारियों के देखरेख में छोड़ा गया है. अलवर […]

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Alwar: अलवर के सरिस्का टाइगर रिजर्व में एक नया मेहमान आ गया है. यह मेहमान रणथंभौर से अलवर लाया गया है. गुरुवार रात करीब साढ़े 8 बजे रणथंभौर से एक बाघिन टी-134 को सरिस्का में छोड़ा गया है. बाघिन को सरिस्का के टहला रेंज एरिया में वन अधिकारियों के देखरेख में छोड़ा गया है. अलवर में शिफ्ट होने के बाद इस बाघिन का नाम एसटी-30 रखा गया है.

सरिस्का टाइगर रिजर्व डीएफओ डीपी जागावत ने बताया कि पहले हमें 3 टाइगर लाने की परमिशन मिली हुई थी. एक बाघ को पहले लाया जा चुका है और एक को गुरुवार रात को रणथंभौर से सरिस्का लाया गया है. रणथंभौर से बाघिन टी-134 को अलवर के टहला रेंज में छोड़ दिया है. इसका नाम एसटी-30 रखा गया है.

डीएफओ ने बताया कि रणथंभौर में बाघिन टी-134 को गुरुवार दोपहर 12.25 बजे ट्रेंकुलाइज किया गया था. इसके बाद गाड़ी में सड़क मार्ग द्वारा अलवर लेकर आया गया. अलवर पहुंचने के बाद रात 8.50 बजे बाघिन को एनक्लोजर में सुरक्षित तरीके से छोड़ दिया गया. वन अधिकारियों के मौजूदगी में बाघिन को टहला रेंज में छोड़ा गया है. बाघिन का नाम टी-134 से बदलकर टी-30 कर दिया है. बाघिन की मॉनिटरिंग टहला रेंज ऑफिसर की टीम और सरिस्का की टीम कर रही है. आपको बता दें कि सरिस्का टाइगर रिजर्व में अब कुल 28 टाइगर्स हो गए हैं. इनमें 14 बाघिन, 8 बाघ और 6 शावक हैं.

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