दौसा: घर से नाराज होकर निकली लड़की, फिर उस रात धर्मशाला में हुआ ऐसा कि इस हाल में मिली लाश

Sandeep Mina

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Dausa Murder: राजस्थान के दौसा जिले में धर्मशाला के रुम नंबर 13 में 22 वर्षीय लड़की के शव मिलने के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. लड़की की शिनाख्त के बाद पता चला कि वो यूपी की रहने वाली है जिसे मानव तस्करों की गैंग ने बहलाकर मेहंदीपुर बालाजी में एक धर्मशाला में रुकवाया था. युवती को बेचने की तैयारी थी. इससे पहले ही उसकी चाय में नींद की गोली मिलाकर दुष्कर्म की कोशिश की गई. युवती की हत्या कर शव कमरे में बंद कर तस्कर फरार हो गए. इस पूरी घटना के तार यूपी के बरेली, मथुरा, अलीगढ़ और मेहंदीपुर बालाजी से जुड़े हैं.

मेहंदीपुर बालाजी के मुलखरा धर्मशाला के कमरा नंबर 13 से बदबू आने पर मैनेजर ने पुलिस को फोन किया. पुलिस ने कमरे का ताला तोड़ा तो उससे एक युवती की अर्धनग्न लाश मिली.

मैनेजर की गलती से पेंचीदा हुआ मर्डर
एक तो धर्मशाला में सीसीटीवी कैमरे नहीं थे. ऊपर से मैनेजर ने एक ही कमरे में तीन लोगों को ठहरने की परमिशन दी थी वो भी एक आईडी कार्ड पर. वो आईकार्ड भी फर्जी निकला. अब मृतका की शिनाख्त करना और अपराधियों तक पहुंचना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी.

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लैंग्वेज से मिला ये क्लू
पूछताछ में पता चला कि धर्मशाला में ठहरने वाले वे दोनों और मृतका की लैंग्वेज यूपी की थी. ऐसे में पुलिस ने यूपी पुलिस से मदद ली. यूपी पुलिस से कुछ दिनों में किसी युवती के गुम होने की सूचना मांगी गई. पत चला कि बरेली में 2 जनवरी को एक युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई है. राजस्थान पुलिस बरेली पहुंची और वहां मृतका की तस्वीर उस परिजन को दिखाई जिन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उन्होंने मृतका की शिनाख्त अपनी बेटी के रूप में कर ली. दरअसल मृतका बरेली में अपनी मौसी के यहां रहती थी और बीए सेकेंड ईयर की छात्रा थी.

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परिजनों से नाराज होकर घर से चली गई थी
परिजनों ने बताया कि मृतका नाराज होकर 31 दिसंबर को घर से चली गई थी. इसक बाद से परिजन उसके लौटने का इंतजार करते रहे. नहीं लौटने पर खोजबीन की. जब युवती का कुछ पता नहीं चला तो परिजनों ने थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया.

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इधर पुलिस को इस बात की आशंका थी कि मृतका किसी मानव तस्करी गैंग के संपर्क में आई थी. पुलिस ने सूत्रों से पता किया तो पता चला कि अलीगढ़ में कुछ लोग मानव तस्करी में लिप्त हैं और खासतौर पर लड़कियों की खरीद-फरोख्त का काम करते हैं. पुलिस पहुंची और आशंका के आधार पर डॉ. अजय और सुरेंद्र नाम के दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की. पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए.

पकड़ी गई गैंग, सामने आई ये कहानी
पूछताछ में पता चला कि अजय का नाम पवन शर्मा है और वो अपनी प्रेमिका संगीता के साथ रहता है. आरोपी ने बताया कि 2 जनवरी को वो अपनी एक दोस्त किरण यादव के साथ मथुरा जंक्शन पर था. तभी उसे वेटिंग रूम में एक लड़की दिखाई दी. वो कुछ परेशान थी. पूछने पर उसने अपना नाम और पता बताया. आरोपियों ने उसे बहलाया और शॉपिंग की बात कह मेहंदीपुर बालाजी ले आए.

फर्जी कार्ड पर धर्मशाला में रुके
आरोपी पवन और किरण मृतका को लेकर मुलखराज धर्मशाला पहुंचे और वहां फेक आईडी देकर उसे लेकर रुम नंबर 13 में रुके. 2 जनवरी की रात में पवन ने युवती के लिए चाय ऑर्डर की और उसकी चाय में नशे की गोलियां मिला दी. मृतका को नशा होने पर वो दुष्कर्म करने की कोशिश करने लगा पर वो जाग गई और विरोध करने लगी. ऐसे में उसने युवती का सिर दीवार से लड़ा दिया और गला दबाने लगा. इससे युवती की मौत हो गई. आरोपी उसे कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगाकर सुबह निकल गए.

मैनेजर ने देखा और संदेह भी हुआ
मैनेजर ने बताया कि आए तो तीन थे पर सुबह उस युवती के बगैर पुरूष और महिला जाने लगे. ऐसे में लगा कि आसपास मंदिर में गए होंगे. लौट आएंगे. जब नहीं लौटे तो देखा कि रुम में भी बाहर से ताला लगा हुआ है बदबू आ रही है. संदेह होने पर मैनेजर ने पुलिस को फोन किया.

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