Sawai Madhopur: रणथम्भौर(Ranthambore) से एक टाइगर के बीमार होने की खबर आ रही है. जानकारी के मुताबिक बाघ टी-57 की तबीयत खराब हो गई है. वन विभाग ने जोन दो में बाघ को ट्रेंकुलाइज कर लिया है और पशु चिकित्सक बाघ का इलाज कर रहे हैं. रणथम्भौर के एसीएफ मानस सिंह के मुताबिक यहां जोन नम्बर दो में बाघ टी-57 की तबीयत खराब हो गई है, टाइगर के बीमार की सूचना के बाद बाघ की लगातार ट्रेकिंग और मॉनिटरिंग की जा रही है.
आपको बता दे कि बाघ टी-57, बाघ टी-58 के भाई हैं. जो खंडार रेंज के लाहपुर इलाके का बाघ है. और यह जोन नम्बर दो में आया गया था और तभी से बाघ टी-57 जोन नम्बर दो में ही रह रहा है. फिलहाल बाघ टी-57 की उम्र लगभग 11 से 12 साल है. बाघ की तबीयत खराब होने की सूचना ने वन्यजीव प्रेमियों की चिंताओं को बढ़ा दिया है. वन विभाग की टीम ने फिलहाल बाघ की मॉनिटरिंग के लिए पशु चिकित्सकों की टीम नियुक्त की है.
वन अधिकारियों के मुताबिक बाघ टी-57 को चलने फिरने में परेशानी हो रही है. इसी के चलते वन अधिकारियों ने उसकी तबीयत खराब होने का अनुमान लगाया. जिसके बाद बुधवार को एनटीसीए की अनुमति के बाद बाघ को ट्रेंकुलाइज कर उसका उपचार किया गया. इस दौरान वन विभाग के पशु चिकित्सक डॉ. सीपी मीणा और डॉ राजीव गर्ग, एसीएफ मानस सिंह आदि मौजूद थे.
चिकित्सकों को अनुसार बाघ को पेट की तकलीफ है, भोजन को पचाने में परेशानी हो रही है. साथ ही बाघ मल त्याग भी नहीं कर पा रहा था. इसी के चलते बाघ मूवमेंट नहीं कर पा रहा था. इलाज के दौरान चिकित्सकों ने बाघ को फ्लूड थैरेपी दी और ड्रिप चढ़ाकर कई प्रकार के ताकतवर व पाचन क्रिया को ठीक करने वाली दवाएं और विटामिन दिए, विभाग की ओर से बाघ की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.