Rajasthan Breaking News: गहलोत गुट के विधायकों के इस्तीफा देने के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का निर्देश आया है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा को मामले में निर्देश दिया है. बताया जा रहा है कि इसके बाद रंधावा ने सीएम अशोक गहलोत से इस्तीफा देने वाले विधायकों को इस्तीफा वापस लेने को कहा है.
सूत्रों की मानें तो ससंदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के यहां से विधायकों को इस्तीफा वापस लेने के लिए फोन जाने लगे हैं. इस कड़ी में उन विधायकों के पास भी फोन गए हैं जिन्होंने इस्तीफा पर हस्ताक्षर नहीं किए थे. बताया जा रहा है कि शांति धारीवाल के स्टाफ विधायकों को फोन कर ये सूचना दे रहे हैं.
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गौरतलब है कि 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई गई. इसके लिए राजस्थान प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर भेजा गया. इसका गहलोत गुट के विधायकों ने बहिष्कार कर दिया. केवल बैठक का ही बहिष्कार नहीं किया बल्कि कहा गया कि कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने तक यानी 19 अक्टूबर तक ये गुट किसी भी मीटिंग में शामिल नहीं होगा. इसके साथ शर्तें भी रख दी कि सरकार बचाने वाले 102 विधायकों यानी गहलोत गुट से ही सीएम बने. दूसरी शर्त ये थी कि सीएम तब घोषित हो, जब अध्यक्ष का चुनाव हो जाए. तीसरी शर्त भी रखी कि जो भी नया मुख्यमंत्री हो, वो गहलोत की पसंद का ही होना चाहिए.
25 सितंबर को ही गहलोत समर्थक विधायकों ने विधायक दल की बैठक से इतर मंत्री शांति धारीवाल के घर पर मीटिंग की. इस बैठक के बाद गहलोत खेमे के विधायक विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पहुंचे और करीब 80 से ज्यादा विधायकों ने पायलट के सीएम बनाए जाने के विरोध में अपना इस्तीफा सौंप दिया.
बागियों को नोटिस जारी
इधर राजस्थान प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को बैठक बहिष्कार की पूरी घटना की लिखित रिपोर्ट सौंप दी. कांग्रेस पार्टी की अनुशासन समिति ने गहलोत के तीन करीबियों- महेश जोशी, धर्मेंद्र राठौर और मंत्री शांति धारीवाल को कारण बताओ नोटिस भेजा और दस दिन में जवाब मांगा.
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