Jodhpur News: जोधपुर जिले के शेरगढ़ के भूंगरा गांव में शादी समारोह में हुए सिलेंडर ब्लास्ट में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन एक ऐसा इकलौता चिराग 13 साल का रावल अब अनाथ हो चुका है. अब इस त्रासदी में हर कोई यही कह रहा है कि अब रावलसिंह का कौन है सहारा..? जोधपुर जिले के मेरिया की रहने वाली जस्सू कंवर अपने दोनों बेटे लोकेंद्र सिंह व रावल सिंह के साथ भुंगरा में अपने मौसेरे भाई सुरेंद्र सिंह की शादी में गई थी लेकिन इस त्रासदी में जस्सू कंवर व बेटे लोकेंद्र सिंह बुरी तरह झुलस गए, जिनकी जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि रावल सिंह अब इस परिवार में अनाथ हो गया.
आज से 4 साल पहले रावल के सिर से उसके पिता का साया भी उठ गया था. लेकिन आज मंगलवार को 4 दिन तक जोधपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल की बर्न यूनिट में जिंदगी और मौत से लड़ते हुए मां जस्सू कंवर और भाई लोकेंद्र सिंह की मौत हो गई, 2018 में रावण के पिता का मौत के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी मां जस्सू कंवर पर थी लेकिन अब रावल की मां जस्सू और भाई लोकेंद्र की मौत के बाद अब रावल सिंह की जिंदगी उजड़ गई है.
परिजनों की मौत के बाद अब रावल का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है. पांचवी क्लास में पढ़ रहे रावल के सपने भी अब चकनाचूर हो गए हैं. भूंगरा सिलेंडर ब्लास्ट के समय बारात रवाना होने वाली थी उस समय घर से कुछ चंद कदमों की दूरी पर बारात जाने वाली गाड़ियों के पास रावल चला गया जिससे कि इस हादसे की चपेट में आने से बच गया.
इस गैस सिलेंडर ब्लास्ट त्रासदी में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 14 लोग अभी भी आईसीयू में भर्ती है व अन्य घायलों का बर्न वार्ड में इलाज चल रहा है. अभी रावल की आंखें बार-बार यह देख रही है की मां जस्सू कंवर आएगी लेकिन इस गैस त्रासदी में रावल सिंह को अनाथ कर दिया.
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