Jodhpur gas cylinder blast news: जोधपुर जिले के शेरगढ़ के भूंगरा गांव में गैस सिलेंडर त्रासदी के मामले में रविवार रात मुख्यमंत्री से मोबाइल पर बात के बाद आखिरकार सहमति बन गई. मृतक आश्रितों को 17 लाख, घायलों को 5 लाख और मृतक आश्रित एक सदस्य को संविदा पर नौकरी देने की मांगों पर सहमति बनने के बाद धरना खत्म हो गया.
इससे पहले रविवार सुबह से ही राजस्थान के कई जिलों से हजारों लोग इस सर्वसमाज के धरने में शामिल होने पहुंचे थे. जोधपुर महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी के आगे हजारों लोग हाथों में काले झंडे लिए प्रदर्शन करते हुए प्रतिनिधि मंडल के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे, जहां कलेक्ट्रेट का घेराव कर मृतक आश्रितों के लिए प्रदर्शन करने लगे.
कई दौर की वार्ता के बाद बनी सहमति
पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी, पूर्व शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़, आरएलपी प्रदेशाध्यक्ष पुखराज गर्ग समेत अन्य वर्गों के नेताओं और राजपूत नेताओं ने संभागीय आयुक्त के चेंबर में पहुंचकर कई बार बात की, लेकिन सहमति नहीं बन पाई. आखिरकार कई दौर की बातचीत के बाद रात करीब 10 बजे सहमति बन गई और पूर्व शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह राजपुरोहित ने धरना समाप्ति की घोषणा कर दी.
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प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री ने अलवर बुलावा
पूर्व शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से करीब आधा घंटा दूरभाष पर बात की है. जिसमें मुख्यमंत्री ने मृतक के परिवार को 17 लाख और घायलों को 5- 5 लाख देने की बात कही है. इसके साथ ही मृतक आश्रितों को संविदा पर नौकरी देने एवं मुआवजा बढ़ाने की भी बात कही है. इसके लिए अलवर बुलाया है. मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद धरना समाप्त कर दिया गया है.
जानिए कैसे मिलेंगे मृतकों को 17 लाख
संभागीय आयुक्त के मुताबिक मुख्यमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपए, प्रधानमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपए, चिरंजीवी बीमा योजना के तहत 5 लाख रुपए, 2 लाख रुपए गैस कंपनी की ओर से और 6 लाख रुपए गैस कंपनी के इंश्योरेंस से मृतक के परिवार को मिलेंगे.
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