Jodhpur news: जोधपुर के गंगाणा में पाक विस्थापित हिन्दुओं की बड़ी बस्ती है. इनमें से ऐसे बहुत सारे परिवार हैं, जिनको भारतीय नागरिकता मिल गई. वहीं कई पाक विस्थापित ऐसे भी हैं जिनको अभी तक भारतीय नागरिकता का इंतजार है. भारत सरकार ने राहत देने के लिए इनको आधार कार्ड बनाने की छूट दी थी. जिससे इनको सुविधा मिलने लगी थी, लेकिन अब ऐसा नोटिस मिल रहा है जिससे इनके सामने चिंता की लकीरें खड़ी हो रही हैं. आधार देने का फैसला केंद्र ने 2016 में लिया था. लेकिन अब आधार प्राधिकरण लंबे अंतराल के बाद इन लोगों को नोटिस जारी कर रहा है.
दरअसल, इन दिनों बड़ी संख्या में विस्थापितों के आधार कार्ड निष्क्रिय करने के लगातार नोटिस जारी हो रहे हैं. जानकारी के अनुसार करीब 300 से ज्यादा लोगों को ऐसे नोटिस मिल गए हैं, जिनका जवाब 21 दिन में देना होगा नहीं तो आधार निष्क्रिय हो जाएंगे. बता दें आधार देने का फैसला 2016 में केंद्र सरकार ने लिया था.
इलाज से लेकर बच्चों की पढ़ाई तक का संकट
सामाजिक कार्यकर्ता भागचंद भील का कहना है कि इन्हें लिखना पढना नहीं आता है, जवाब भी नहीं दे सकते. अगर ऐसे में इनका आधार छीन गया तो आने वाले समय में बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी. जिनको नोटिस मिले है वे लंबे समय से एलटीवी पर रहे रहे हैं. इसके आधार पर ही इनको यह सुविधा मिली थी. लेकिन अब अचानक निष्क्रिय के नोटिस मिलने से सभी परेशान हैं. आधार कार्ड मिलने के बाद पाक विस्थापित यह लोग सरकारी अस्पताल में निशुल्क उपचार, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड बच्चों के स्कूल कॉलेज में एडमिशन करवा रहे थे. क्योंकि लांग टर्म वीजा वालों को एक निश्चित प्रक्रिया के बाद नागरिकता मिलती है. ऐसे में तब तक सुविधाएं देने के लिए आधार देने का फैसला केंद्र ने 2016 में लिया था. लेकिन अब आधार प्राधिकरण लंबे अंतराल के बाद इन लोगों को नोटिस जारी कर रहा है. जिसमें बताया गया कि ये आधार कार्ड अवैध तरीके से हासिल किए गए हैं.
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