Weather Report: राजस्थान (Rajasthan) के शेखावाटी (Fatehpur Shekhawati) में ठंड ने प्रचण्ड रूप ले लिया है. जहां शीतलहर का प्रकोप जारी है. प्रदेश के कई जिलों में आज भी तापमान माइनस डिग्री सेल्सियस रहा. कई जगह ठंड की तस्वीरे हैरान कर देने वाली है. जिसे देखकर हर कोई राजस्थान को कश्मीर समझ बैठेगा. जबकि तस्वीरे राजस्थान का रेतीले इलाके फतेहपुर शेखावाटी की है. मई जून मे धरती यहां आग उगलती है. सड़क तपती है. सड़क पर पापड़ सेकने की तस्वीरे आती है. पारा 45 से 50 डिग्री रहता है लेकिन अब यहां पारा माइनस 1.8 डिग्री पहुंच गया.
ठंड का असर ऐसा हो रहा है कि फसलों मे दिया गया पानी बर्फ बन गया. खेत की मेड़ के तारों पर बर्फ ही बर्फ नजर आई. पानी की पाइपों से बर्फ निकल रही है. राजस्थान के रेत के धोरे मानों कश्मीर बने है. रेत के धोरो ने ग्लेशियर का रूप ले लिया है. जमाव बिन्दू के कारण सीकर कलेक्ट्रर अमित यादव ने सरकारी व निजी स्कूलों के नर्सरी से आठवीं तक की 7 जनवरी तक छुट्टी कर दी. बावजूद 90 प्रतिशत निजी स्कूल खुले हुए हैं. अल सुबह ठंड से ठिठूरते बच्चें स्कूल जा रहे है. फतेहपुर के बावड़ी गेट व बाजार सहित सभी दुकानों पर बहार लोग अलाव जलाए दिनभर बैठे हैं.
बर्फबारी के बाद आ रही उत्तरी हवाओं से शेखावाटी में रिकॉर्ड तोड़ सर्दी शुरू हो गई है. फतेहपुर में लगातार तीसरे दिन न्यूनतम तापमान जमाव बिन्दू से नीचे माइनस 1.8 डिग्री दर्ज किया गया. कड़ाके की सर्दी के कारण बुधवार की रात सर्दी के सीजन की सबसे सर्द रात रही. मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटे तक शेखावाटी सहित प्रदेश के कई जिलों में अति शीतलहर या शीतलहर चलेगी. सीकर में तेज सर्दी के कारण मध्यरात्रि बाद ही खुले में बर्फ जमनी शुरू हो गई.
सुबह घना कोहरा छाया. दृश्यता 15 मीटर से कम रहने के कारण आवागमन बाधित हो गया. गलन बढ़ने से नमी की मात्रा 92 प्रतिशत तक पहुंच गई. दोपहर में मौसम साफ रहने के कारण अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी हुई. दिन ढ़लते ही लोगों ने अलाव तापने शुरू कर दिए. फतेहपुर कृषि अनुसंधान केंद्र पर न्यूनतम तापमान माइनस 1.8 डिग्री और अधिकतम तापमान 19.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. सीकर में न्यूनतम तापमान माइनस 1.5 डिग्री और अधिकतम 18 डिग्री दर्ज किया गया.
सर्दी का सबसे ज्यादा नुकसान टमाटर, बैंगन, टिंड़ा, खीरा की फसलों में हुआ है. अगेती सरसों में फूल बन रहे थे. फली का दाना सर्दी से सिकुड गया. मटर में फली में दाने झुलस गए. नए फूल आने बंद हो गए. छोटी मटर की बढ़वार रुक गई. रबी की फसलों में भी कहीं-कहीं 20 से 30 प्रतिशत के नुकसान का आकलन किया जा रहा है.
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