Rajasthan News: राजस्थान के स्कूलों में खाली 93 हजार पदों पर भर्ती सरकार ने स्थगित कर दी है. राजस्थान के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए राजस्थान प्रदेश सरकार ने ठेके पर 93 हजार टीचर लगाने के लिए विद्या संबल योजना लॉन्च की थी. लाखों बेरोजगारों ने टीचर बनने केलिए फॉर्म भर दिया, मगर जब नियुक्ति का समय आया तो सरकार ने भर्ती रोक दी.
कहा गया है कि आरक्षण के नियमों का पालन नहीं हो पा रहा था और वित्त विभाग से स्वीकृति मिल नहीं पाई, क्योंकि इसके लिए भारी-भरकम बजट की जरूरत है. कई दिनों से भटकते हुए बेरोजगारों ने फॉर्म भरा और अब सरकार की लापरवाही की वजह से जैसे-तैसे मिलने वाली नौकरी से भी हाथ धो बैठे हैं.
राजधानी के स्कूलों का ऐसा है हाल
विधानसभा के ठीक बगल के प्राथमिक स्कूल को माध्यमिक स्कूल बना दिया गया, जहां आठवीं तक की क्लास बढ़ा दी गई पर टीचर नहीं आए. दस में से चार टीचर हैं और दो सरकारी ड्यूटी पर हैं. यानी दो टीचर आठ क्लास संभाल रहे हैं. प्रधानाचार्य अमित गौतम कह रहे हैं कि किसी भीतरह से संभाल रहे हैं. सरकार ने पद निकाले थे तो उम्मीद थी. अब देखिए क्या होता है. जयपुर के ब्रह्मपुरी सरकारी स्कूल की हालत और भी खराब है. यहां पर सरकार ने उच्च विद्यालय बना दिया है मगर बारवीं तक के क्लास को पढ़ाने के लिए 15 में से 11 टीचर हैं.
गहलोत सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान रीट की परीक्षा आयोजित की थी. जिसमें रीट लेबल-2 में तो पेपर आउट हो गए और अब इसकी परीक्षा फरवरी में होनी है. पूरी भर्ती प्रक्रिया जुलाई तक पूरी हो पाएगी. यानी तब तक एक पूरा सेशन छात्रों का खाली क्लास में बैठे गुजर जाएगा. राजस्थान के 70 हजार सरकारी स्कूलों में टीचरों के लिए ठेके पर 93 हजार पद निकले थे जिसे सरकार ने आवेदन लेने के बाद रद्द कर दिया है.
रिपोर्ट: शरत कुमार