पाकिस्तानी बहू लेकर आया जोधपुर का दूल्हा, वीडियो कॉल से हुई शादी, 5 महीने बाद ससुराल आई दुल्हन
Azab-Gajab Rajasthan: भारत-पाकिस्तान की सरहदों पर कड़वाहट लगातार जारी हैं लेकिन आज भी भारत-पाकिस्तान के नागरिकों के दिलों के रिश्ते अभी भी जुड़े हुए हैं. यह रिश्ते इतने गहरे हैं कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बहन-बेटियों की शादी हो रही हैं. ऐसा ही एक मामला जोधपुर में देखने को मिला. जोधपुर शहर के मुजिम्मल खान के […]
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Azab-Gajab Rajasthan: भारत-पाकिस्तान की सरहदों पर कड़वाहट लगातार जारी हैं लेकिन आज भी भारत-पाकिस्तान के नागरिकों के दिलों के रिश्ते अभी भी जुड़े हुए हैं. यह रिश्ते इतने गहरे हैं कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बहन-बेटियों की शादी हो रही हैं. ऐसा ही एक मामला जोधपुर में देखने को मिला.
जोधपुर शहर के मुजिम्मल खान के साथ के दो जनवरी को ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निकाह पढ़ने वाली पाकिस्तान के मीरपुरखास की उरुज फातिमा अब 138 दिन बाद अपने ससुराल शौहर के पास जोधपुर पहुंची है. अब घर में खुशियों का माहौल है.
वीजा मिलने में हुई देरी
दूल्हे के दादा भालेह खान मेहर ने बताया कि पाकिस्तान से दुल्हन को भारत लाने के लिए देरी से वीजा मिलने के कारण बताया है. पाकिस्तान की बेटी अब भारत के बेटे की दुल्हन बनी हैं. दुल्हन भारत पहुंचकर बहुत खुश हैं.
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पाकिस्तान जाकर पक्का किया रिश्ता
दूल्हे के दादा भाले खान मेहर ने बताया कि मैं पाकिस्तान गया था. मेरी दोहिती लगती है. उसने मेरी बहुत सेवा की थी तो मैंने मेरे पोते के लिए इसे पसंद किया और रिश्ता हमने पक्का कर दिया और उसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच चलने वाली मुनाबाव खोखरापार ट्रेन बंद हो गई. हम लोग गरीब परिवार से हैं तो हमारे पास इतने रुपए नहीं है कि यहां से बारात फ्लाइट करके ले जाए तो फिर हमने ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निकाह किया.
दूल्हा एक प्राइवेट कंपनी में ड्राइवर
निकाह के बाद दुल्हन को भारत लाने के लिए वीजा मिलने में हुए विलंब के चलते पाकिस्तान से विदाई में विलंब हुआ. पाकिस्तान की दुल्हन का पति जोधपुर में एक प्राइवेट कंपनी में ड्राइवर है. जोधपुर शहर के इस अनूठे निकाह से कई परिवारों ने प्रेरणा ली. अब कई परिवार ऑनलाइन निकाह से अपने परिवार में बहू लाने की तैयारी में हैं.
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138 दिन बाद जोधपुर पहुंची बहू
भालेह खान ने बताया की अब वाघा बॉर्डर से पोते की बहू भी जोधपुर पहुंच गई. ससुराल आने के बाद फातिमा जोधपुर के सुथला में अपने ननिहाल गई, वहीं दूल्हे के दादा ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को इसका श्रेय दिया है. वहीं भालेह खान ने बताया कि वीजा मिलने में 7 से 8 महीने लग जाते हैं और कई जांचों से गुजरना पड़ता है. मगर केन्द्रीय मंत्री शेखावत की मदद से जल्द ही वीजा मिल गया और आज मेरे पोते की दुल्हन घर आ गयी.
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