Paris Paralympic 2024: कौन हैं राजस्थान की अवनि लेखरा जिसने जीता Gold, टोक्यो पैरालंपिक में भी मारी थी बाजी
खास बात ये है कि अवनि ने फाइनल में 249.7 अंक बनाए हैं. ये एक पैरालंपिक रिकॉर्ड भी है. वहीं सउथ कोरिया की ली यूनरी ने सिल्वर मेडल जीता है.
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पेरिस पैरा ओलंपिक में राजस्थान के जयपुर की रहने वाली अवनि लेखरा ने गोल्ड मेडल जीतकर गजब की शुरूआत की है. अवनि लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (SH1) स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का खाता खोल दिया है. बुधवार को अवनि ने गोल्ड और इसी स्पर्धा में भारत की मोना अग्रवाल ने कांस्य पदक जीतकर गजब की शुरूआत की.
खास बात ये है कि अवनि ने फाइनल में 249.7 अंक बनाए हैं. ये एक पैरालंपिक रिकॉर्ड भी है. वहीं सउथ कोरिया की ली यूनरी ने सिल्वर मेडल जीता है.
2 बार गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय
अवनि (avani lekhara) ने लगातार दूसरे पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता है. इससे पहले अवनि ने टोक्यो पैरा ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल जीता था. इसके अलावा टोक्यो पैरा ओलंपिक में अवनि ने 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में भी कांस्य पदक अपने नाम किया था. अवनि ऐसी भारतीय एथलीट बन गई हैं जो पैरोलंपिक गेम्स में लगातार दूसरी बार गोल्ड मेडल जीता है.
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12 साल पहले हादसे ने बदला अपनि का जीवन
अवनि SH1 कटेगरी की शूट हैं. अब सवाल ये है कि SH1 कटेगरी होती क्या है? दरअसल ऐसे एथलीट जिनकी बाहों में तो कोई दिक्कत न हो पर निचले अंगों में अंग-भंग या पैरालिसिस हो. यानी वे आसानी से बैठे-बैठे बंदूक पकड़कर शूट कर सकें. 12 साल पहले अवनि का जीवन ऐसा नहीं था. उनका जन्म 8 नवंबर 2001 को जयपुर के एक साधारण परिवार में हुआ था. उनका पूरा फोकस पढ़कर कुछ बनने में था. साल 2012 में एक कार हादसे में उनके बैक बोन में ऐसी गंभीर चोट लगी कि दोनों पैर पैरालिसिस के शिकार हो गए. अब तो अवनि का जीवन ही बदल गया. सारे सपने चूर होने लगे.
अभिनव बिंद्रा ने बदली जिंदगी
अवनि ने इन तमाम चुनौतियों के बावजूद खेल को कॅरियर बनाने की ठान ली. अवनि के जीवन में मशहूर निशानेबाज अभिनव बिंद्रा की आत्मकथा का गहरा असर पड़ा. अवनि के कोच ने खूब मदद की. मां ने पूरा सपोर्ट किया. अवनि ने 2015 में पहली बार नेशनल चैम्पियनशिप में भाग लिया और टोक्यो पैरा ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतकर कॅरियर की ऐतिहासिक शुरूआत की. अवनि खेल रत्न और पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी हैं. राजस्थान सरकार ने इन्हें सहायक वन संरक्षक के रूप में आउट ऑफ टर्न नियुक्ति दी है.
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