Rajasthan: बैंक कैशियर नरेंद्र शेखावत की क्यों है इतनी चर्चा, CM तक मांग रहे उनके लिए दुआएं

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जयपुर में पंजाब नेशनल बैंक (Robbery attempt in Jaipur's PNB) के हेड कैशियर के बहादुरी के चर्चे खूब हैं. कैशियर नरेंद्र सिंह शेखावत (Narendra Singh shekhawat) (44) को ने केवल प्रदेश की पुलिस ही सेल्यूट नहीं कर रही है बल्कि पूरा प्रदेश उनके जल्द ठीक होने की दुआएं कर रहा है. रविवार को प्रदेश की डिप्टी सीएम दीया कुमारी (Diya kumari) ने अस्पताल जाकर नरेंद्र शेखावत का कुशलक्षेम जाना. इससे पहले आईपीएस अफसर ने पहुंचकर हाथ जोड़कर उन्हें सलाम किया और कहा कि सीएम साहब (Bhajan Lal sharma) को बहुत प्राउड फील हो रहा है. पूरे शहर को प्राउड हो रहा है. हम सब उनके जल्द ठीक होने की दुआएं कर रहे हैं. गोली लगने से नरेंद्र की एक किडनी डैमेज हो गई है. फिलहाल इनकी हालत स्थिर है.

अब हम बताते हैं कि नरेंद्र सिंह शेखावत के इतने चर्चे क्यों हैं? आपको ले चलते हैं 23 फरवरी दिन शुक्रवार को. इसी दिन सुबह के 10 बजे के करीब जयपुर के झोटवाड़ा के जोशी मार्ग पर स्थित पीएनबी (Punjab national bank) में दो नकाबपोश युवक घुस गए. पहले तो लोगों ने उनपर खास ध्यान नहीं दिया, लेकिन बैंक के मैनेजर को उनकी हरकतें अटपटी सी लगीं. 

मैनेजर को केबिन में किया लॉक

बैंक मैनेजर मनीष सैनी ने उन्हें टोक दिया. फिर क्या था. बदमाश अपने रंग में आ गए. पैंट की जेब से पिस्तौल निकाल ली और बैंक मैनेजर पर तान दिया. उन्हें और दो-तीन कर्मचारियों को एक केबिन में लॉक कर दिया. इधर बदमाश ने बाकी कस्टमर को बंदूक दिखाकर डराया और चुपचाप रहने की धमकी दी. एक आरोपी ने महिला कर्मचारी के कनपटी पर बंदूक तान दी और कैश ले लिए. दूसरे लुटेरे ने बैंक के मुख्य द्वार पर पहरा देना शुरू कर दिया. 

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लुटेरों ने स्ट्रॉन्ग रुम खोलने को कहा

एक बदमाश ने बैंक कर्मचारी को स्ट्रांग रूम में चलकर लॉकर खोलने के लिए कहा. इसी बीच बैंक में झुंझुनूं निवासी नरेन्द्र सिंह शेखावत ने एंट्री ली. वे वहां हेड कैशियर हैं. पहले तो वे समझ नहीं पाए. भीतर गए तो नकाबपोश बदमाश के हाथ में गन देखा और स्ट्रॉन्ग रुम की तरफ हलचल देखी. वे उधर गए और बदमाश को पकड़कर अपने हेल्मेट से मारने लगे. तभी दूसरा आरोपी वहां पहुंच गया. उसने देखा कि नरेंद्र उसके साथी को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है. 

लुटेरे ने कर दिए कई फायर

ऐसे में लुटेरे ने गोली दाग दी. बताया जा रहा है कि एक के बाद एक कई फायर झोंक दिए. नरेंद्र को कई गोली  लग गई. इधर नरेंद्र ने फिर भी आरोपी को नहीं छोड़ा. लुटेरे के हाथ में कैश से भरा बैग था जिसे नरेंद्र ने नहीं ले जाने दिया. साथ ही लुटेरों को स्ट्रॉन्ग रुम तक भी नहीं पहुंचने दिया. गोली की आवाज सुनते ही आसपास के दुकानदार भी इकट्‌ठा हो गए. ये सब देख दूसरा बदमाश हड़बड़ाया और वहां से फरार हो गया. नरेंद्र का हौसला देख मौजूद लोगों में भी जोश भर गया. फिर क्या था सभी ने मिलकर बदमाश की जमकर पिटाई की और पुलिस को सौंप दिया. 

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दोनों लुटेरे हैं मौसेरे भाई, कर चुके हैं कई वारदात

पहले पकड़े गए बदमाश भरत सिंह (36) से उसके साथी के बारे में पूछताछ की गई.फिर पूरे इलाके में नाकाबंदी कर मनोज मीणा (29) को भी मानसरोवर इलाके से पुलिस ने पकड़ लिया. पूछताछ में पता चला कि दोनों मौसेरे भाई हैं. 

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narendr shekhawat PNB jaipur

गोली लगने से एक किडनी हुई डैमेज

एक गोली नरेंद्र के पेट में लग गई थी, जिससे उनकी एक किडनी डैमेज हो गई है. उसे डॉक्टरों ने निकाल दिया है. डॉक्टरों के मुताबिक नरेंद्र की हालत अब स्थिर है. जिस आरोपी को नरेंद्र ने पकड़ा था उसके पास डमी पिस्टल थी जो केवल डराने के लिए थी. 

आरोपी ने कस्टडी से भागने की कोशिश की

एक आरोपी भरत सिंह पुलिस की पीसीआर वैन से कूदकर भगने की कोशिश कर रहा था. कूदने से उसका एक पैर फ्रैक्चर हो गया जिसे कांवटिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. यही मुख्य आरोपी है. लूट की वारदात को अंजाम देने की योजना इसी की थी. ये बैंक में जाने से पहले बाहर लगे एटीएम में कुछ देर थे. बाद में बैंक में गए. 

चंद घंटों में अमीर बनना चाहते थे आरोपी

पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि आरोपियों ने इससे पहले भी जयपुर में ही दो बैंक में लूट की वारदात की थी. तब मुख्य आरोपी भरत सिंह अपने ममेरे भाई के साथ लूट को अंजाम दिया था. उसके हौसले बुलंद हो गए. वो पकड़ा नहीं गया. इस बार भी उसी थ्यौरी पर पहले बैंक की रेकी की. देखा कि यहां केवल 8 कर्मचारी हैं. इसके बाद वे आए ऑटो से और लूटने के बाद बैंककर्मी की बाइक लेकर फरार होने वाले थे जैसा कि दूसरे वारदातों में इन्होंने किया था. 

जख्मी नरेंद्र के लिए पुलिसकर्मियों ने किया ब्लड डोनेट

इधर जख्मी नरेंद्र के लिए एसएचओ और एएसआई ने ब्लड दिया. नरेंद्र की एक किडनी जो डैमेज हो गई है उसे डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके निकाल दिया है. साथ ही गोली भी निकाल दी है. अब वे खतरे से बाहर हैं. 

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