रणभम्भौर में बढ़ा बाघों का कुनबा, बाघिन रिद्धी ने शावकों को जन्म

Ranbhambhore News: सवाईमाधोपुर स्थित रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में एक बार फिर से नन्हे शावकों की किलकारी गूंजी है. इस बार रणथम्भौर में बाघिन टी-124 यानि रिद्धी ने शावकों को जन्म दिया है. मंगलवार शाम की पारी में रणथंभौर पार्क भ्रमण पर गए पर्यटकों को बाघिन रिद्धी जोन नम्बर तीन में दूध बावडी क्षेत्र में एक […]

फोटो: सुनील जोशी
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Ranbhambhore News: सवाईमाधोपुर स्थित रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान में एक बार फिर से नन्हे शावकों की किलकारी गूंजी है. इस बार रणथम्भौर में बाघिन टी-124 यानि रिद्धी ने शावकों को जन्म दिया है. मंगलवार शाम की पारी में रणथंभौर पार्क भ्रमण पर गए पर्यटकों को बाघिन रिद्धी जोन नम्बर तीन में दूध बावडी क्षेत्र में एक शावक को मुंह में दबाकर ले जाती हुई नजर आई है. इस संबंध में पर्यटकों की ओर से वन विभाग को सूचना दी गई है. अब वन विभाग की ओर से बाघिन की मॉनिटरिंग करने के लिए जोन तीन के संबंधित इलाके में फोटो ट्रैप कैमरे लगाए जा रहे हैं.

वन अधिकारियों के अनुसार आम तौर पर बाघिन एक बार में दो या दो से अधिक शावकों को जन्म देती है. हालांकि अब तक पर्यटकों को बाघिन एक ही शावक के साथ नजर आई है. वन अधिकारियों की मानें तो बाघिन के साथ एक से अधिक शावक होने की संभावना है.

बाघिन रिद्धी यानि टी-124 की उम्र करीब चार साल के आसपास है और बाघिन ने पहली बार शावकों को जन्म दिया है. बाघिन का विचरण रणथम्भौर के जोन तीन में बाघ टी-120 के साथ रहता है. रिद्धी रणथम्भौर की मशहूर बाघिन एरोहैड यानि टी-84 की संतान है.

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बाघिन रिद्धी के शावक के साथ नजर आने के साथ ही रणथम्भौर में बाघों के कुनबे में एक बार फिर इजाफा हो गया है. अब रणथम्भौर में बाघों की संख्या बढ़कर 74 हो गई है. वहीं अभी बाघिन रिद्धी के साथ और भी शावक होने की संभावना है. ऐसे में अभी यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है.

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