वसुंधरा के करीबी देवी सिंह भाटी के थे राजे से मतभेद, तीसरी बार बीजेपी में शामिल हुए Bhati!

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Devi Singh Bhati, close to Vasundhara, had differences with Raje, Bhati joined BJP for the third time!

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बात 2014 के लोकसभा चुनाव की है जब इस चुनाव में पहली बार अर्जुन राम मेघवाल को टिकट दिया गया, तब देवी सिंह भाटी ने इसका खूब विरोध किया। टिकट नहीं बदला तो भाटी ने नाराज होकर पार्टी छोड़ दी। यहां तक कि उन्होंने अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ प्रचार भी किया।हालांकि इस चुनाव में अर्जुन राम मेघवाल की जीत हुई। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर अर्जुन राम मेघवाल को टिकट दिया। मेघवाल चुनाव जीते और फिलहाल केंद्र सरकार में कानून मंत्री भी हैं। हालांकि इससे पहले भी एक बार देवी सिंह भाटी बीजेपी से अलग हुए थे। जाटों को आरक्षण दिए जाने के बाद आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों को आरक्षण दिलाने के लिए 2003 में उन्होंने सामाजिक न्याय मंच बनाया। इसी मंच के बैनर तले चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद 2008 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उन्हें पार्टी जॉइन करवाया। इसके बाद देवी सिंह भाटी वसुंधरा सरकार में मंत्री भी बने। पहले वसुंधरा राजे से उनके मतभेद रहे लेकिन बाद वो उनके करीबी हो गए। देवी सिंह भाटी अर्जुन राम मेघवाल के विरोधी रहे हैं। भाटी और मेघवाल में कई बार तकरार भी हो चुकी है। 1980 से राजनीति में आए देवी सिंह भाटी पहले जनता पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ा करते थे, इसके बाद जब बीजेपी का गठन हुआ तो वो बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ते थे। एक बार उन्होंने सामाजिक न्याय मंच पार्टी के बैनर तले भी चुनाव लड़ा और जीतने में कामयाब रहे। राजस्थान की सियासत में देवी सिंह भाटी एक ऐसा नाम है, जिनकी राजनीतिक और जनता पर पकड़ काफी मजबूत है। देवी सिंह भाटी जनता के कामों के लिए अक्सर अफसरों से भिड़ जाया करते थे।

पिछले साल वसुंधरा राजे ने देव दर्शन यात्रा निकाली थी। इस दौरान वे बीकानेर भी गई थी। बीकानेर में हुई वसुंधरा राजे की सभा की पूरी तैयारी देवी सिंह भाटी ने ही की थी। उस वक्त चर्चा थी कि देवी सिंह भाटी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। लेकिन उसके बाद ये कहा गया कि देवी सिंह भाटी का पार्टी में शामिल होना बीजेपी आलाकमान को मंजूर नहीं था। लिहाजा उनका आना टल गया। बुधवार को देवी सिंह भाटी को प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने पार्टी जॉइन करवाई। हालांकि उस वक्त वसुंधरा राजे मौजूद नहीं थी। पार्टी जॉइन करने के बाद अब देवी सिंह भाटी का कहना है कि वो अनुशासन में रहकर बीजेपी की जीत सुनिश्चत करने में मदद करेंगे। आपका देवी सिंह भाटी को लेकर क्या कुछ कहना है, कॉमेंट बॉक्स में हमें लिखकर बता सकते हैं।

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