विधानसभा चुनाव के कई रंग, एक ही सीट पर परिवार वालों में ही भिड़ंत!
Many colors of assembly elections, conflict between family members on the same seat!
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Many colors of assembly elections, conflict between family members on the same seat!
राजस्थान के चुनाव रण में अब आमने-सामने की तस्वीर साफ हो चुकी है. कई सीट ऐसी हैं, जिन पर सभी की निगाहें टिकी हैं. इन सीटों पर मुकाबला रोचक हो गया है. कहीं पति-पत्नी आमने-सामने हैं. तो कहीं जीजा-साला, बाप- बेटी और चाचा-भतीजे चुनाव में आमने-सामने हो गए हैं. ऐसे में चुनावी मुकाबला खास रोचक होने वाला है. अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट पर भाजपा प्रत्याशी जयराम जाटव के खिलाफ उनकी बेटी मीना कुमारी निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं. मीना कुमारी भाजपा से टिकट मांग रही थी. बाप बेटी के बीच पुराना विवाद है. भाजपा ने बेटी की जगह पिता के अनुभव को चुना. तो बेटी चुनाव मैदान में कूद गई. भादरा सीट पर चाचा भतीजे के बीच चुनावी मुकाबला है. यहां भाजपा ने संजीव बेनीवाल को टिकट दिया है. तो कांग्रेस के टिकट पर उनके भतीजे अजीत बेनीवाल चुनाव लड़ रहे हैं. खेतड़ी विधानसभा सीट पर कांग्रेस के टिकट पर मनीष गुर्जर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं उनके सामने भाजपा प्रत्याशी के रूप में चाचा धर्मपाल चुनाव मैदान में हैं. नागौर सीट पर भाजपा ने ज्योति मिर्धा तो कांग्रेस ने उनके रिश्ते में चाचा लगने वाले हरेंद्र मिर्धा को चुनाव मैदान में उतारा है. सोजत विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में प्रदेश के प्रमुख सचिव निरंजन आर्य चुनाव लड़ रहे हैं. उनके सामने भाजपा के टिकट पर उनके रिश्तेदार शोभा चौहान चुनाव मैदान में है. बस्ती सीट पर पूर्व आईएएस चंद्र मोहन मीणा भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं. तो उनके रिश्तेदार में मित्र पूर्व आईपीएस अधिकारी लक्ष्मण मीणा भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. दातारामगढ़ विधानसभा सीट पर पति-पत्नी आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं. यहां कांग्रेस ने विजेंद्र सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. तो उनकी पत्नी रीटा चौधरी जननायक पार्टी से चुनाव लड़ रही है. भाजपा ने गजानंद कुमावत को चुनाव मैदान में उतारा है. धौलपुर सीट से जीजा साली चुनाव मैदान में है. धौलपुर सीट पर कांग्रेस ने शोभा कुमारी कुशवाहा को टिकट दिया है. तो शोभा कुमारी का मुकाबला उनके जीजा और भाजपा प्रत्याशी शिव चरण कुशवाह से है. खंडार सीट से पिता पुत्र आमने सामने हैं. डालचंद खुलेआम अपने बेटे अशोक बैरवा का विरोध कर रहे हैं. अशोक बैरवा को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में राजस्थान का चुनावी रण रोचक रहने वाला है. कई सीट ऐसी हैं, जहां रिश्तेदार आमने-सामने है. तो कुछ जगह पर रिश्तेदार एक दूसरे का विरोध करने में लगे हैं.
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