कर्नाटक में कांग्रेस की जीत बिगाड़ देगी गहलोत का समीकरण? पायलट के लिए राह होगी आसान!
Now not only Rajasthan Karnataka is also Congress earning son
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Now not only Rajasthan Karnataka is also Congress earning son
एक तरफ पायलट जनसंघर्ष यात्रा के जरिए लोगों के बीच निकल पड़े, अपनी यात्रा से वो कांग्रेस आलाकमान को ये दिखा चुके हैं कि वो किसी एक समुदाय या वर्ग के नेता नहीं है। यात्रा में जो लोगों का हूजूम उमड़ा उसे देखकर तो शायद गहलोत गुट में भी घबराहट है। कांग्रेस आलाकमान इस मामले में पूरी नजर बनाए हुए है। शायद यही वजह है कि पायलट पर कांग्रेस आलाकमान ने कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि ये तो आलाकमान भी जानता है कि लोगों के बीच पायलट का काफी क्रेज है और वो पायलट को खोना नहीं चाहती।
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अब कर्नाटक में चुनाव के बाद कांग्रेस के निशाने पर राजस्थान ही है। राजस्थान को लेकर पार्टी कोई कोताही नहीं बरतना चाहती, इसलिए ही पार्टी ने सहप्रभारियों की नियुक्ति कर दी जो सीधे कांग्रेस आलाकमान को रिपोर्ट करते हैं। अब राजनीतिक हल्कों में ये चर्चा है कि क्या गहलोत-पायलट की सुलह से ही 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत का रास्ता निकलेगा या पार्टी कोई नई रणनीति अपना सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कर्नाटक चुनाव में जीत के बाद अब आर्थिक सहयोग पाने के लिए केवल राजस्थान जैसा बड़ा राज्य ही कांग्रेस के पास नहीं है बल्कि अब कर्नाटक भी कांग्रेस के पास है, ऐसे में अब सिर्फ गहलोत के भरोसे ही कांग्रेस आलाकमान नहीं है। आलाकमान की राजस्थान पर पहले जितनी डिपेंडेंसी नहीं रहेगी। ऐसे में अब आलाकमान के स्तर पर राजस्थान को लेकर भविष्य में लिए जाने वाले फैसलों में और ज्यादा स्पष्टता दिखेगी।
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विधानसभा चुनाव में अब काफी समय रह गया है, ऐसे में पार्टी जल्द ही राजस्थान को लेकर कोई फैसला लेगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पायलट नेतृत्व परिवर्तन चाहते हैं। ऐसे में कांग्रेस आलाकमान या तो पायलट के चेहरे पर दाव खेल सकता है या इसके अलावा दोनों की लड़ाई को शांत करने के लिए किसी तीसरी चेहरे को भी ला सकता है। इसमें प्रमुखता से सीपी जोशी का नाम सामने आ रहा है। राजस्थान को लेकर अब कांग्रेस आलाकमान काफी गंभीर है, कर्नाटक चुनाव में जीत के बाद अब पार्टी का कॉन्फिडेंस भी बढ़ा है, ऐसे में अब पार्टी राजस्थान को लेकर कठोर फैसले भी ले सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पार्टी पेपर लीक और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को दबाने के लिए सचिन पायलट को सीएम पद दे दे, हालांकि अब पायलट इतने कम समय के लिए सीएम बनने को तैयार होंगे या नहीं, ये तो पायलट पर ही निर्भर करेगा। आपका इस मुद्दे पर क्या कहना है, कॉमेंट बॉक्स में हमें अपनी राय बता सकते हैं।
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On the one hand, Pilot went out among the people through Jan Sangharsh Yatra, through his journey he has shown to the Congress high command that he is not the leader of any one community or class. Seeing the crowd of people who gathered in the yatra, perhaps there is panic in the Gehlot group as well. The Congress high command is keeping a close watch on this matter. Perhaps this is the reason why the Congress high command did not take any action on the pilot, because even the high command knows that there is a lot of craze for the pilot among the people and it does not want to lose the pilot.
Now after the elections in Karnataka, Rajasthan is the target of the Congress. The party does not want to take any care regarding Rajasthan, that is why the party has appointed co-in-charges who report directly to the Congress high command. Now there is a discussion in the political circles whether Gehlot-Pilot’s reconciliation will pave the way for the party’s victory in the 2023 assembly elections or the party can adopt a new strategy. Political analysts believe that after the victory in the Karnataka elections, now not only a big state like Rajasthan is with the Congress to get economic support, but now Karnataka is also with the Congress, in such a situation, the Congress high command is no longer dependent only on Gehlot. . The high command will not have as much dependence on Rajasthan as before. In such a situation, there will be more clarity in the future decisions regarding Rajasthan at the high command level.
There is a lot of time left for the assembly elections, in such a situation the party will soon take a decision regarding Rajasthan. Political analysts believe that Pilot wants a leadership change. In such a situation, the Congress high command can either claim the face of Pilot or can also bring in a third face to calm the fight between the two. CP Joshi’s name is coming out prominently in this. Now the Congress high command is very serious about Rajasthan, after the victory in the Karnataka elections, now the confidence of the party has also increased, in such a situation now the party can take tough decisions regarding Rajasthan. Political analysts say that the party should give the post of CM to Sachin Pilot to suppress issues like paper leak and corruption, although now whether Pilot will be ready to become CM for such a short time or not, it will depend on the pilot itself. What do you have to say on this issue, you can tell us your opinion in the comment box.
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