Gehlot का महंगाई राहत कैंप का विरोध भी शुरू हो गया…

राजस्थान तक

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Opposition to Gehlot’s inflation relief camp has also started

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नागौर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा महंगाई राहत शिविर कैंप का आयोजन किया जा रहा है इन शिविरों का मकसद आम जनता को महंगाई से राहत देना और जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए किया जा रहा है लेकिन नागौर जिले के मौलासर पंचायत समिति में आयोजित शिविर का पहले ही दिन विरोध शुरू हो गया और यहां पर लादडीया ग्राम पंचायत आसपास के ग्रामीण धरने पर बैठ गए हैं और शिविर का विरोध शुरू कर दिया है जानकारी के अनुसार स्थानीय विधायक चेतन डूडी व उसके खास लोगों द्वारा ग्राम पंचायत के सरपंच मनोज देवी को पिछले 3 साल से परेशान किया जा रहा है टेंडर लेने के लिए दबाव बनाकर उसे अलग-अलग तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है जिसके चलते पंचायत विकास कार्यों के अलावा जरूरी काम भी बाधित हो रहे हैं इसी बात को लेकर सरपंच मनोज देवी व उसके प्रतिनिधि पति ग्रामीणों के साथ मौलासर पंचायत समिति में धरने पर बैठ गए हैं और शिविर का विरोध शुरू कर दिया है इस पूरे मामले पर ग्रामीण से खास बातचीत की हमारे संवाददाता हनीफ खान ने आइए सुनते हैं ग्रामीणों का क्या कहना है ।

Inflation relief camp is being organized by Chief Minister Ashok Gehlot in Nagaur. The purpose of these camps is to give relief from inflation to the general public and to give benefits of public welfare schemes, but the camp organized in Maulasar Panchayat Samiti of Nagaur district The protest started on the very first day and here the village panchayat of Laddia has sat on a dharna and started protesting against the camp. Harassment is being done for years, by pressurizing him to take the tender, he is being harassed in different ways, due to which, apart from Panchayat development works, essential works are also being interrupted, Sarpanch Manoj Devi and her representative husband villagers Along with Maulasar has sat on a dharna in the Panchayat Samiti and has started protesting against the camp.

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