Pilot के अल्टीमेटम से घबराए Gehlot बोले- ‘हम सब एक हैं’!

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पार्टी में अनुशासन और एकता का पाठ पढ़ा दिया। और कहा की हमारी पार्टी में अनुशासन है जो सोनिया गांधी राहुल गांधी , मल्लिकार्जुन खड़गे साहब कहते वही होता है। जिसके बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं चल रही है की क्या सचिन पायलट के अल्टीमेटम से गहलोत घबरा चुके हैं। एकता का पाट पढ़ाने और अनुशालन की बात करने वाला मुख्यमंत्री जी शायद ये भूल गए की उनकी पार्टी के ही दिव्या मदेरणा जैसे कुछ दिग्गज 25 सितंबर की याद दिलाकर आपकी ही पार्टी के अनुशासन का आईना दिखा डालते हैं। जो सियासी जानकार कहते हैं यदि सोनिया गांधी राहुल गांधी की इतनी ही बात मानी जाती है तो आखिरकार 25 सितंबर को मंत्री शांति धारीवाल को बौखलाकर आनन फानन में अपने घर बैठक क्यों रखनी पड़ी। क्यों 25 सितंबर को बतौर पर्यवेक्षक आए मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को बैरंग लौटना पड़ा। कहा तो सियासी गलियारों में ये भी गया तब क्या सोनिया गांधी के आदेश और अनुशासन याद नहीं आए। और यही बात लगातार सचिन पायलट भी कहते आ रहे हैं।मरुधरा के महारण में कुछ माह बचे हैं। और ऐसे में रणबांकुरे अपने हथियार अपनी पार्टी और पार्टी के लोगों पर ही चलाएंगे तो चुनावी रण का क्या रंग होगा। एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगतार अपनी योजनाओं का दम भर रहे हैं। महंगाई राहत कैम्प के दम पर जीत का दम भर रहे हैं । तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी को भी आईना दिखाने से नहीं चूक रहे हैं और सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही हमला बोल देते हैं। और कह डालते हैं की मोदी जी का बस चले तो नगर निगम के चुनाव में चले जाए। अब ऐसे में देखना बड़ा दिलचस्प होगा की 2023 में मरूधरा के इस महारण में सस्पेंस बनाए रखने वाले सचिन पायलट किस अंदाज़ में किसके साथ देखने को मिलेंगे। या फिर हाथ का साथ देते रहेंगे ।

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