Sachin Pilot का नाम सुनते ही गहलोत को क्या हो जाता है ?

राजस्थान तक

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sukhjinder singh randhawa target on sachin pilot

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अजमेर से पायलट की सुनामी आ रही है…जयपुर में हड़कंप है, दिल्ली में भी घबराहट.. किसी को समझ में नहीं आ रहा कि सचिन पायलट आखिर क्या करना चाहते हैं…पायलट ने जब 11 अप्रैल को अनशन किया था,तब भी रंधावा जी पार्टी की ओर से आपत्ति जताने सबसे पहले खड़े हुए थे और अब 11 मई को जब पायलट ने पदयात्रा निकाली है तब भी सुखजिंदर रंधावा ही सबसे पहले सामने आए हैं, अशोक गहलोत भले ही सचिन पायलट पर सवाल सुनकर महंगाई राहत वाला राग अलापने लगते हों, लेकिन रंधावा जी तो अब खुलकर कह रहे हैं, पायलट की पदयात्रा के हर कदम पर आलाकमान की नजर है, खड़गे जी को कर्नाटक से आने दो फिर सारा हिसाब-किताब बराबर होगा। सचिन पायलट कई बार आलाकमान के सामने अपनी बात रख चुके हैं, सचिन बार-बार ये कहते आए हैं कि अगर उनके फॉर्म्युले पर राजस्थान में पार्टी चलेगी तो 2023 में कांग्रेस की जीत पक्की है, पायलट ने अपनी बात कई बार मीडिया को भी बताई, लेकिन शायद सचिन की बात आलाकमान को समझ में ही नहीं आई, आखिरकार मजबूरन सचिन को वो रास्ता अख्तियार करना पड़ गया, जिस पर चलने से वो पिछले साढ़े चाल साल से बचते नजर आ रहे थे। पायलट ने खुलकर कह दिया है अपने हों या फिर पराए, जनता ने वोट दिया था ना कि करप्शन करने का लाइसेंस। इधर मई के महीने में पायलट खुद को सड़क पर झुलसा रहे हैं,ताकि अपने लोगों को उनका हक दिलवा सकें, तो उधर अशोक गहलोत भी गर्मी की परवाह किए बगैर महंगाई राहत कैंपों का दौरा कर रहे हैं, जनता को अपनी योजनाओं की सौगात बांट रहे हैं। गहलोत और पायलट की इस लड़ाई पर बीजेपी भी अब पूरे मजे ले रही है।

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