गहलोत और पायलट ही नहीं, कभी राजेश पायलट के साथ भी थे ऐसे ही रिश्ते!

राजस्थान तक

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Today Pilot does not get along with Gehlot once upon a time there was a similar relationship with Rajesh Pilot too

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राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत की सियासी लड़ाई रही है, अब कांग्रेस आलाकमान उन दोनों में सुलह का दावा कर रहा है। बीते 30 मई को ऐसी तस्वीरें भी आईं। लेकिन ये दोस्ती कब तक कायम रहेगी, ये कहना फिलहाल मुश्किल है। केवल गहलोत-पायलट में ही छत्तीस का आंकड़ा नहीं देखा गया बल्कि पायलट के पिता यानी राजेश पायलट की भी गहलोत से नहीं बनती थी। सीएम गहलोत और राजेश पायलट दोनों ने ही एक साथ राजनीति में कदम रखा था। दोनों की ही राजीव गांधी से अच्छी बनती थी लेकिन दोनों में छत्तीस का आंकड़ा था। 1993 में जोधपुर में भी कुछ ऐसा ही हुआ था जब राजेश पायलट और सीएम गहलोत की कड़वाहट खुलकर सामने आ गई थी। 

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दरअसल, राजेश पायलट उस समय केंद्र में संचार मंत्री हुआ करते थे। उन्हें जोधपुर में मुख्य डाकघर के एक भवन का उद्घाटन करना था। उस समय गहलोत जोधपुर के सांसद हुआ करते था। गहलोत को उस कार्यक्रम का न्योता नहीं भेजा गया। जिसके बाद गहलोत के समर्थक नाराज हो गए। कार्यक्रम में उन्होंने सीधे राजेश पायलट से पूछ लिया कि हमारे सांसद कहां हैं, कहीं दिख नहीं रहे। इस पर राजेश पायलट ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यहीं कहीं होंगे बेचारे गहलोत। 

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राजेश पायलट और अशोक गहलोत दोनों राजस्थान से ही आते थे। उनमें तमाम समानताएं थी लेकिन फिर भी शायद दोनों को एक-दूसरी की सफलता खटकती थी। 

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गांधी परिवार का वफादार होने के चलते गहलोत को उसका ईनाम मिलता रहा। सीएम गहलोत तो राजस्थान के 3 बार सीएम बन गए, लेकिन राजेश पायलट के बेटे यानी सचिन पायलट अब भी सीएम की कुर्सी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अब सचिन पायलट राजस्थान के सीएम बनते हैं या नहीं, ये तो आना वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल राजनीतिक हल्कों में सचिन पायलट के अगले कदम को लेकर चर्चा चल रही है। बीते दो दिनों से पायलट मध्यप्रदेश के दौरे पर थे लेकिन सोमवार को वो दिल्ली लौट आए। अभी तक पायलट की मांगों को लेकर कोई सुनवाई नहीं हुई है, ऐसे में लोगों की निगाहें आने वाली 11 जून पर भी बनी हुई है क्योंकि उस दिन राजेश पायलट की पुण्यतिथि है। फिलहाल आपको ये सियासी किस्सा कैसा लगा, कॉमेंट बॉक्स में हमें लिखकर बता सकते हैं।

There has been a political fight between Sachin Pilot and Ashok Gehlot in Rajasthan Congress, now the Congress high command is claiming reconciliation between them. Such pictures also came on 30th May. But it is difficult to say how long this friendship will last. The figure of thirty-six was not seen only in Gehlot-Pilot, but Pilot’s father i.e. Rajesh Pilot also did not get along with Gehlot. Both CM Gehlot and Rajesh Pilot entered politics together. Both of them got along well with Rajiv Gandhi but both had a figure of thirty-six. Something similar happened in Jodhpur in 1993 when the bitterness between Rajesh Pilot and CM Gehlot came to the fore.

Actually, Rajesh Pilot used to be the Minister of Communications at the Center at that time. He was to inaugurate a building of the Head Post Office in Jodhpur. At that time Gehlot used to be the MP of Jodhpur. Gehlot was not sent an invitation for that program. After which Gehlot’s supporters got angry. In the program, he directly asked Rajesh Pilot that where are our MPs, they are not visible anywhere. On this, Rajesh Pilot took a sarcasm and said that poor Gehlot would be somewhere here.

Rajesh Pilot and Ashok Gehlot both used to come from Rajasthan only. There were many similarities between them, but even then both probably used to miss each other’s success.

Gehlot was rewarded for being loyal to the Gandhi family. CM Gehlot became the CM of Rajasthan thrice, but Rajesh Pilot’s son i.e. Sachin Pilot is still fighting for the CM’s chair. Now whether Sachin Pilot becomes the CM of Rajasthan or not, only time will tell. At present, discussions are going on in political circles regarding the next step of Sachin Pilot. Pilot was on a tour of Madhya Pradesh for the last two days but returned to Delhi on Monday. So far no hearing has been held regarding the demands of the pilot, in such a situation people’s eyes are also on the coming 11th June because that day is the death anniversary of Rajesh Pilot. At the moment, how did you like this political story, you can tell us by writing in the comment box.

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