Gehlot, Gajendra, Vasundhara में क्या बात हुई ? Bhajanlal के आते ही दुश्मन के दुश्मन दोस्त हो गए ?

राजस्थान तक

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What happened between Gehlot, Gajendra, Vasundhara? As soon as Bhajanlal came, the enemies of the enemy became friends?

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कहते हैं राजनीति में दोस्ती और दुश्मनी मायने नहीं रखती.. ना मायने रखते हैं वादे और उसूल.. अगर कुछ मायने रखता है तो बस फायदा और नुकसान। राजनीति में कब कौन दुश्मन से दोस्त बन जाए और कब दोस्त से जानी दुश्मन ये कोई नहीं जानता, लेकिन कह सकते हैं ये जो लड़ाई और अदावत है वो सब का सब महज सत्ता के लिए है.. लेकिन क्या हो जब दुश्मन के दुश्मन दोस्त हो जाएं.. क्या हो जब हमेशा एक दूसरे पर कीचड़ उछालने वाले.. एक दूसरे पर हमला करने वाले एक हो जाएं। सीएम भजनलाल जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे थे तो मानो कुछ ऐसा ही हुआ। ईआरसीपी पर गहलोत को पानी पी पीकर कोसने वाले गजेन्द्र.. मानहानि का मुकदमा करने वाले गजेन्द्र.. और अपने गढ़ में ही गहलोत को चुनौती देने वाले गजेन्द्र.. जो गजेन्द्र और गहलोत कभी जानी दुश्मन थे.. भजनलाल की ताजपोशी के दौरान ये दोनों कुछ ऐसे मिले कि मानो बिछड़े यार हों.. चेहरे पर मुस्कान इतनी कि लगा.. न गहलोत को सरकार जाने का गम है ना शेखावत को सीएम ना बनने का दर्द। हालांकि दोनों लाख छिपा लें.. ये दर्द ऐसा है कि छिपाए नहीं छिपेगा..

उधर भजनलाल के आने से सकपका चुकीं महारानी भी कम नहीं हैं.. किसी ने सीट ऐसी रखी या महारानी कुछ कहना था ये तो नहीं पता.. लेकिन नजारा ऐसा था कि बीच में थे शेखावत.. और एक तरफ गहलोत, और दूसरी तरफ वसुंधरा। यहां कौन किसका दोस्त है, कौन किसका दुश्मन.. कौन किसके लिए हंस रहा है.. और कौन किसका दर्द बांट रहा है ये समझने का काम हम आप दर्शकों पर ही छोड़ते हैं। अब ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल है. लोग भी सोच रहे हैं.. आखिर यहां बात क्या हो रही है? इस नजारे को देख लोग भी चौंक भी रहे हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत के दाहिने तरफ चुनाव हार चुके और सीएम से पूर्व सीएम हुए अशोक गहलोत हैं और बाईं ओर हैं सीएम की रेस से बाहर हो चुकीं वसुंधरा राजे। दो पूर्व मुख्यमंत्रियों से घिरे गजेंद्र सिंह शेखावत जिनकी दोनों से कभी नहीं बनी वो दोनों से एक साथ खिलखिला रहे हैं। कह सकते हैं तीनों एक दूसरे से कह रहे होंगे, छोड़िए.. अब हम तीनों मिलके भजन करते हैं।

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