Pilot के गढ़ में क्यों भिड़े कांग्रेसी? कैसे खत्म होगा मालपुरा में Congress का 33 साल का वनवास?

राजस्थान तक

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Why did Congressmen fight in Pilot’s stronghold? How will the 33 year exile of Congress in Malpura end?

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राजस्थान में जल्दी ही सियासी महाभारत शुरु होने वाली है। विधानसभा चुनाव को लेकर क्या कांग्रेस, क्या बीजेपी और क्या आरएलपी.. सब के सब चुनावी मोड में आ चुके हैं। लेकिन राजस्थान का सियासी रण शुरु होने से पहले ही कांग्रेस में भीषण महाभारत शुरु हो चुकी है। कल आपने अजमेर में कांग्रेस की महाभारत देखी.. आज पायलट के गढ़ टोंक में कांग्रेसियों की जूतमपैजार देखिए। कांग्रेस पूरे प्रदेश में जिताऊ उम्मीदवार ढूंढने में लगी है लेकिन यहां जिताऊ तो दूर पिटाऊ उम्मीदवार नजर आ रहे हैं। आपको बताएं कि बीते दिन टोंक में कांग्रेस ने अपने कार्यकर्ताओं से टिकट के लिए आवेदन मांगे थे। लेकिन इसी दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जमकर मारपीट हो गई। पायलट के गढ़ में कांग्रेसी एक-दूसरे पर लात-घूंसे बरसाते नजर आए। टोंक के मालपुरा से फिलहाल तीन लोग अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, प्रभाती लाल जाट.. नरेश चौधरी.. और हरीप्रसाद बैरवा। लेकिन टिकट मिलेगा तो किसी एक को ही। बता दें कि टोंक की मालपुरा विधानसभा सीट कांग्रेस के लिए जीत ही नहीं बल्कि शाख का सवाल भी बन गया है। क्योंकि 1990 के बाद से ये सीट कभी कांग्रेस के हाथ में नहीं गई है। पिछले दो बार यानि 2013 और 18 में बीजेपी के कन्हैया लाल ने यहां से जीत दर्ज की। ऐसे में कांग्रेस के लिए मालपुरा में 33 साल का वनवास खत्म करना सबसे बड़ी चुनौती साबित होने वाली है। और जब अपनी पार्टी के लोग ही एक दूसरे पर लात-घूसे चलाते नजर आएं तो लगता नहीं मालपुरा में कांग्रेस का ये वनवास खत्म होगा।

Why did Congressmen fight in Pilot’s stronghold? How will the 33 year exile of Congress in Malpura end?

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