अलवर: रकबर खान मॉब लिंचिंग केस की बहस पूरी, 15 मई को सुनाया जा सकता है फैसला!
Rakbar Khan Mob Lynching Alwar: रकबर/अकबर खान मॉब लिंचिंग केस की बहस शनिवार को पूरी हो चुकी है. अलवर जिले के रामगढ़ तहसील के ललावंडी गांव में हुई रकबर मॉब लिंचिंग पर अब कोर्ट का जल्द ही फैसला आएगा. इस मामले में 15 मई को फैसला आ सकता है. राज्य सरकार की ओर से इस […]
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Rakbar Khan Mob Lynching Alwar: रकबर/अकबर खान मॉब लिंचिंग केस की बहस शनिवार को पूरी हो चुकी है. अलवर जिले के रामगढ़ तहसील के ललावंडी गांव में हुई रकबर मॉब लिंचिंग पर अब कोर्ट का जल्द ही फैसला आएगा. इस मामले में 15 मई को फैसला आ सकता है. राज्य सरकार की ओर से इस केस में स्पेशल पीपी अप्वॉइंट किए गए.
स्पेशल पीपी ने कहा आरोपियों के खिलाफ दोष सिद्ध होने के बाद न्यायालय की तरफ से सजा सुनाई जाएगी. इस मामले में सभी सबूत, गवाह व आईविटनेस के आधार पर स्पेशल पीपी ने कहा कि पांचों आरोपियों की पिटाई से अकबर ऊर्फ रकबर की मौत हुई.
क्या है पूरा मामला
अलवर जिसे ते रामगढ़ तहसील के ललावंडी गांव में 21 जुलाई 2018 को रात्रि में गाय ले जा रहे अकबर ऊर्फ रकबर खान और उसके साथी असलम शेर खान को गोरक्षा और हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोगों ने रोककर जमकर पिटाई की. इस दौरान असलम भागने में कामयाब हो गया लेकिन रकबर को भीड़ ने पकड़ लिया. उसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया. लेकिन रकबर की पुलिस हिरासत में मौत हो गई.
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5 आरोपियों की हुई थी गिरफ्तारी
इस मामले में पुलिस ने परमजीत, धर्मेंद्र, नरेश, विजय और नवल किशोर शर्मा सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस के द्वारा इस मामले में कोर्ट में चालान पेश किया गया. उसके बाद से इस मामले का ट्रायल एडीजे कोर्ट नंबर-1 अलवर में चल रहा है. मामले की गंभीरता और पहलू कांड के आरोपियों के बरी होने के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में स्पेशल पीपी के तौर पर नासिर अली नकवी को अप्वॉइंट किया.
चश्मदीद सहित 67 लोगों ने बयान दर्ज करवाए
स्पेशल पीपी 2021 से लगातार इस मामले में बहस कर रहे हैं. अलवर के एडीजे कोर्ट नंबर-1 स्पेशल कोर्ट में यह मामला चल रहा है. शनिवार को इस मामले में बहस पूरी हुई. पीड़ित पक्ष और सरकार की ओर से नियुक्त स्पेशल पीपी द्वारा मामले में बहस की गई है. उन्होंने आरोपियों को सजा दिलाने के लिए प्रत्यक्षदर्शी असलम शेर खान सहित 67 लोगों के बयान दर्ज कराए हैं. वहीं 129 साक्ष्य दस्तावेज जिनमें मोबाइल कॉल डिटेल्स अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध कराया गया है. जिनसे आरोपियों की उपस्थिति वहां मौजूद पाई गई है. इसके अलावा डॉक्टरों के द्वारा मेडिकल रिपोर्ट जिसमें रकबर की मौत चोट से होना पाया गया है. उन सभी तत्व को लेकर कोर्ट में अपना दावा पेश किया है और कोर्ट से इस मामले में धारा 302 के तहत मॉब लिंचिंग के तहत उनके द्वारा आरोपियों को मृत्युदंड की मांग की जा रही है.
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बचाव पक्ष ने रखी अपनी दलीलें
उन्होंने कहा कि बचाव पक्ष के द्वारा अपनी दलीलें दी गई हैं, जिनमें प्रमुखता पुलिस हिरासत में मौत होना और आरोपियों को जबरन मामले में फंसाने सहित अन्य दलील दी है. अलवर पहुंचे नासिर अली ने कहा इस पूरे मामले में 129 दस्तावेज न्यायालय में पेश किए गए. साथ ही 67 गवाह व एक आईविटनेस की गवाही न्यायालय में करवाई गई. परमजीत, धर्मेंद्र, नरेश के खिलाफ एक साथ चार्जशीट पेश हुई. उसके बाद विजय व नवल किशोर के खिलाफ अलग-अलग चार्जशीट पेश की गई.
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पहले दोष सिद्ध फिर होगी सजा
नासिर अली ने कहा कि पहले इनके खिलाफ दोष सिद्ध होगा. उसके बाद सजा पर बहस होगी. 15 मई को न्यायालय की तरफ से इस मामले में फैसला सुनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि बचाव पक्ष ने कहा कि पुलिस कस्टडी में पुलिस की मारपीट से रकबर की मौत हुई. जबकि पूरे मामले में इसके कोई एविडेंस नहीं है. आईविटनेस की गवाही के बाद बचाव पक्ष की तरफ से कहा गया कि उसके खिलाफ गौ तस्करी के मामले दर्ज हैं.
बचाव पक्ष ने कहा पिटाई से हुई रकबर की मौत
किसी भी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद उस मामले में पुलिस ने न्यायालय की तरफ से कार्रवाई की जाती है व सजा सुनाई जाती है. किसी भी व्यक्ति को अपने हाथ में कानून लेने का अधिकार नहीं है. सभी आरोपियों ने योजना बनाकर पीट-पीटकर रकबर को मौत के घाट उतारा. उनकी पिटाई के बाद ही रकबर की मौत हुई. इस मामले में मेडिकल रिपोर्ट की भी अहम भूमिका है. इस मामले में स्पेशल पीपी के साथ अधिवक्ता हाकम अली भी न्यायालय में मौजूद रहे. उनकी तरफ से भी पूरे मामले में पक्ष रखा गया. सरकार की तरफ से अप्वॉइंट स्पेशल अधिवक्ता ने कहा कि सभी आरोपियों पर दोष सिद्ध होगा और इनको सख्त से सख्त सजा मिलेगी.
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