पायलट को लेकर अशोक गहलोत का बड़ा बयान, अब सचिन मेरे साथ, कोई शिकायत नहीं
gehlot vs sachin pilot: राजस्थान के मुख्यमंत्र अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को लेकर बड़ा बयान दिया है. आजतक से खास बातचीत में अशोक गहलोत ने कहा हमें कोई दिक्कत नहीं है. अब वो हमारे साथ हैं. उन्होंने ये भी कहा कि जब से राहुल गांधी ने ये कहा है कि उनके लिए अशोक गहलोत […]

gehlot vs sachin pilot: राजस्थान के मुख्यमंत्र अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को लेकर बड़ा बयान दिया है. आजतक से खास बातचीत में अशोक गहलोत ने कहा हमें कोई दिक्कत नहीं है. अब वो हमारे साथ हैं. उन्होंने ये भी कहा कि जब से राहुल गांधी ने ये कहा है कि उनके लिए अशोक गहलोत ओर सचिन पायलट दोनों असेट हैं इसलिए हम तो कुछ नहीं बोल रहे हैं.
सचिन पायलट से जुड़े सवाल पर गहलोत ने कहा- ‘कोई परेशानी नहीं है. वो कांग्रेस में हैं अभी तक. कांग्रेस से रिवोल्ट किया हुआ हो तो अलग शिकायत होती है, जो पहले थी उनसे. तब मैंने अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान पर आरोप लगाया कि जो षड्यंत्र मेरे खिलाफ था गर्वनमेंट को गिराने का, जिसे मैंने विफल कर दिया. अब वो हमारे साथ में हैं.’
राहुल के मामले में बोले- अपील कब करना है ये लीगल टीम देखेगी
अशोक गहलोत ने राहुल गांधी को सजा और संसद से सदस्यता रद्द होने पर कहा- ‘लीगल टीम देखेगी. इसको कब अपील करनी है, क्या करना है. मैंने सुना है 500-700 पेज का फैसला है. उसे ट्रांसलेट करना पड़ता है. खैर वो उनका काम है. इसमें बीजेपी वाले हल्ला क्यों कर रहे हैं कि अपील क्यों नहीं कर रहे. देश किस दिशा में जा रहा किसी को नहीं मालूम है. देश में हो क्या रहा है ये जनता समझ नहीं पा रही है.’
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संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं- गहलोत
अशोक गहलोत ने एक सवाल के जवाब में कहा- ‘देखिए ये षड्यंत्र था. भारत जोड़ो यात्रा के बाद सरकार घबरा गई थी. संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं. देश में पूरा तमाशा हो रहा है. आज पत्रकार लोग एक से डेढ़ साल तक जेल में बंद रहते हैं. देश के अंदर हिंसा, तनाव का माहौल है. हम जैसे लोग चिंतित हैं इसमें कोई राजनीति की बात नहीं है.
राजनीति में ऐसा लैग्वेज इस्तेमाल होता रहा है- गहलोत
सीएम गहलोत ने आगे कहा- ‘अटल बिहारी वाजपेयी जी और आडवाणी जी के जमाने से देख रहा हूं. हर नेताओं ने क्या-क्या नहीं कहा होगा कांग्रेस के बारे में. एक भी केस नहीं हुए होंगे. ये पॉलिटिशियन जब बोलता है तो ये देखता है कि जनता को मैं क्या मैसेज दूं? जनता तक बात कैसे पहुंचे, इसलिए वो लैंग्वेज काम ली जाती है. अब आपने टेक्नीकली केस कर दिया. हाईकोर्ट में जाकर केस रुकवा दिया. क्यों रुकवाया उसने. फिर केस विपस ले लिया. फिर चालू कराकर फैसला करा लिया. आज तक के इतिहास में ऐसे केस में 2 साल की सजा नहीं हुई किसी को.