बाड़मेर: शादीशुदा महिला को पड़ोसी से हुआ प्यार, घर से भागकर दोनों ने दी जान!

Dinesh Bohra

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फोटो: दिनेश बोहरा
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Barmer News: बाड़मेर में खेत में बने टांके में युवक और युवती के शव तैरते हुए मिले है. वहीं दोनों के कपड़े और जूते टांके के बाहर मिलने से गांव में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में पुलिस की स्पेशल टीम और FSL की टीम ने मौके पर पहुंचकर खेत से सबूत इकट्ठे कर रही है. विवाहिता को ढूंढने के लिए पुलिस हैदराबाद से लेकर बेंगलुरु तक गई, लेकिन पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा. अब 13 दिन बाद दोनों के शव खेत में बने सरकारी टांके में मिले हैं. टांके को जेसीबी से तोड़कर दोनों के शवों को बाहर निकाला गया है. प्रथम दृष्टया प्रेम प्रसंग की बात सामने आ रही है.

जानकारी के अनुसार मोतीसरा गांव निवासी लीलाराम काफी दिनों बाद जब अपने खेत में पहुंचा तो पानी के टांके से बदबू आने लगी और टांके के पास कुछ कपड़े और चप्पल भी पड़े थे. जिसके बाद घटना की जानकारी सरपंच और पुलिस को दी गई. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों के परिवार को सूचना देकर बुलाया. वहीं गांव वालों की मदद से 4 घंटे बाद दोनों के शवों को टांके से निकाला गया. काफी दिन पुराने होने के कारण शव फूल चुके थे और सड़ चुके थे. ऐसे में जेसीबी की मदद से टांके के ऊपरी हिस्से को तोड़ा गया. जिसके बाद दोनो के शव निकाले गए. पुलिस ने दोनों शवों को अपने कब्जे में लेकर सिणधरी अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए रखवाया है.

13 नवंबर को ससुराल से लापता थी विवाहिता
पुलिस से मिली जानकारी में सामने आया है कि 14 नवंबर को विवाहिता की गुमशुदगी दर्ज की गई थी. जिसमें परिजनों ने बताया गया था कि 13 नवंबर को ससुराल से विवाहिता चणनी पत्नी विशनाराम सिणधरी घर से निकली थी, जो वापस नहीं लौटी. रिपोर्ट में परिजनों ने जोगाराम नामक युवक पर भी संदेह जाहिर किया था. इस मामले में पुलिस ने हैदराबाद से लेकर बेंगलुरु तक विवाहिता और युवक को ढूंढने के लिए टीमें भी भेजी थी. लेकिन पुलिस को दोनों का कोई सुराग नहीं मिला था. पुलिस और परिवार के लोग लगातार दोनों की तलाश कर रहे थे, लेकिन दोनों का कोई पता नहीं चल पा रहा था. अब 13 दिन बाद दोनों के शव पानी के टांके में तैरते हुए मिले हैं.

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सिणधरी थानाधिकारी सुरेंद्र कुमार ने बताया है कि गुमशुदा विवाहिता और युवक के शव टांके में मिले हैं. दोनों की शिनाख्त हो चुकी है. शवों को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर पोस्टमार्टम कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. थाने में विवाहिता की गुमशुदगी दर्ज है. एक युवक पर परिजनों ने संदेह जताया था. उसी के आधार पर पुलिस बेंगलूरू और हैदराबाद गई थी.

स्थानीय लोगों के अनुसार 19 वर्षीय विवाहिता चननी का 20 साल के जोगाराम से सोशल मीडिया पर दोस्ती हुई थीस उसके बाद दोनों में अफेयर्स शुरू हो गया था. विवाहिता शादीशुदा थी दोनों ने साथ में रहने का प्लान बनाया, इसीलिए घर से भाग गए लेकिन जिस तरीके से घरवालों ने विवाहिता को ढूंढना शुरू किया, दोनों इस बात से बेहद परेशान थे और 2 दिन बाद ही ऐसा बताया जाता है कि टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली थी.

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संदेह पर पुलिस ढूंढने गई थी हैदराबाद और बेंगलुरु
ऐसा बताया जाता है कि जोगाराम हैदराबाद में कामकाज करता था. लेकिन पिछले कुछ समय से गांव में ही था. विवाहिता के साथ जोगाराम भी लापता हो गया. इसके चलते पुलिस ने परिवार के साथ मिलकर हैदराबाद से लेकर बेंगलुरु तक दोनों के लिए सर्च ऑपरेशन भी चलाया था.

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सरकारी टांके बन रहे हैं सुसाइड प्वाइंट
राजस्थान के बाड़मेर जिले के ग्रामीण इलाकों में देश की सबसे ज्यादा आत्महत्याएं टांकों में कूदकर सामने आ रही है. अब तक दर्जनों लोग टांकों में आत्महत्या कर चुके है. सबसे बड़ी बात यह कि इन टांकों का निर्माण सरकारी योजनाओं के तहत हुआ है. शहरी इलाकों में 3 वाटर टैंक जितना टांका ही बना होता है. लेकिन ग्रामीण इलाकों में सरकारी योजना के तहत बनने वाले टांके में 8 -10 वाटर टैंक जितना पानी आता है. सरकारी टांके की लागत करीब 3 लाख है. इन टांकों से बढ़ती आत्महत्याओं को देखते हुए कई बार टांकों में लोहे की सीढ़ियां तक लगाने की मांग उठ चुकी है. लेकिन अभी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

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