भरतपुर: सुसाइड नोट लिख कारपेंटर ने की आत्महत्या, पुलिसकर्मी और एक व्यक्ति पर टॉर्चर करने का आरोप

Suresh Foujdar

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Bharatpur news: भरतपुर में जहर खाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है. मृतक के कपड़ों से परिजनों को एक सुसाइड नोट मिला है. जिसमें एक पुलिसकर्मी एवं एक व्यक्ति को मौत का जिम्मेदार बताया गया है. जानकारी के अनुसार मृतक व्यक्ति कारपेंटर था. जिसने एक पुलिसकर्मी और एक व्यक्ति के घर फर्नीचर बनाने का काम किया था, मगर उसको पेमेंट नहीं देने का आरोप लगाया गया. जब उसने पेमेंट मांगा तो पुलिसकर्मी ने उसे प्रताड़ित किया, जिससे आहत होकर उसने आत्महत्या करने का कदम उठाया. मामला भरतपुर के कैथवाडा कस्बे का है.

बता दें 30 वर्षीय नानक चंद प्रजापत कारपेंटर का काम करता था. रविवार को उसने जहरीला पदार्थ खा लिया. तबियत बिगड़ने के बाद परिजन उसे नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए. जहां से उसे अलवर के लिए रेफर कर दिया गया लेकिन इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने भरतपुर के नगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया. जिसका सोमवार को अंतिम संस्कार किया गया.

मृतक नानक चंद के पिता मंगल राम ने कैथवाडा थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए मृतक का सुसाइड नोट पुलिस को सौंपा है. जिसमें एक पुलिसकर्मी शाहिद निवासी गांव लाडमका और दूसरा व्यक्ति मुस्तफा पर काम कराने के बाद पेमेंट नहीं करने और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. कैथवाडा थाना प्रभारी राम नरेश मीणा ने बताया कि एक 30 वर्षीय व्यक्ति नानक चंद ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी. शव का भरतपुर में पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंपा. शिकायत दर्ज कर ली है और पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

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यह लिखा सुसाइड नोट में
मृतक ने मरने से पहले सुसाइड नोट भी लिखा है. जिसको पुलिस को सौंप दिया गया है. सुसाइड नोट में नानक चंद ने लिखा कि “मैंने पुलिसकर्मी शाहिद जो जुरहरा थाने पर तैनात है और लाडमका गांव का रहने वाला है, उसके घर फर्नीचर का काम किया था. यह काम 60 हजार का था, मुझे 40 हजार उस पुलिसकर्मी ने फोन पर से डाल दिए थे. लेकिन 20 हजार नहीं दे रहा था. जब मैंने पैसे मांगे तो पुलिसकर्मी शाहिद ने मुझे धमकी दी कि मैं पुलिस वाला हूं, मैं तुझे मार दूंगा और कोई पैसे नहीं दूंगा.

इसी तरह दूसरे गांव बुहापुर के रहने वाले मुस्तफा ने भी काम के बदले मुझे पैसे नहीं दिए. मुझे अन्य लोगों का भी पेमेंट करना होता है मेरे पास पैसे नहीं थे. मैं लकड़ियां उधार लेकर उनका काम किया था. अब मैं उनका उधार कैसे चुकाऊंगा. मैं परेशान हूं, शाहिद और मुस्तफा दोनों मेरी मौत का कारण हैं. इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. मेरी कार को मेरे छोटे भाई सचिन को दे देना और मेरा फोन भी मेरे भाई को दे देना. जय श्री राम हर हर महादेव. अपने पिता को लिखा कि मेरा एचडीएफसी बैंक में बीमा है और सर्वेयर से बात कर लेना जिससे आपको बीमे का रुपया मिल जाएगा.

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