भरतपुर: सरकारी स्कूल का जायजा लेने पहुंचे कलेक्टर, जमीन पर बैठे ठंड से ठिठुरते नजर आए बच्चे

Suresh Foujdar

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Rajasthan News: एक तरफ सरकारें बड़े-बड़े दावे करती है वहीं दूसरी तरफ राजस्थान के भरतपुर जिले में सरकारी स्कूल में छोटे बच्चे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. स्कूल में उनके बैठने के लिए कुर्सी टेबल तक नहीं है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब भरतपुर जिला कलेक्टर आलोक रंजन स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे.

दरअसल, सोमवार को भरतपुर जिला कलेक्टर आलोक रंजन मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना और मुख्यमंत्री निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना का जायजा लेने के लिए तुहिया गांव के उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंचे थे. इस दौरान छोटी कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चे स्कूल में जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हुए नजर आए.

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गौरतलब है कि इन दिनों भारी ठंड का मौसम है. ऐसे में स्कूल में जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते हुए बच्चे ठंड से ठिठुरते हुए नजर आए. भीषण गर्मी हो या कड़ाके की ठंड हर मौसम में इन बच्चों को सरकारी स्कूल की कक्षा में जमीन पर बैठकर ही पढ़ने के लिए विवश होना पड़ता है. जिला शिक्षा अधिकारी प्रेम सिंह कुंटल ने बताया कि सरकारी स्कूलों की सभी कक्षाओं के लिए कुर्सी टेबल देने का कोई प्रावधान नहीं है. यह तो गांव वालों को भामाशाह के माध्यम से ही जुटाना पड़ता है.

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए बैठने के लिए कुर्सी टेबल नहीं है और उनको जमीन पर बैठकर पढ़ना पड़ता है. शायद इसलिए ज्यादातर लोगों अपने बच्चों का प्राइवेट स्कूल में दाखिला करवाते हैं. जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना और निशुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना का जायजा लेने के लिए स्कूल पहुंचा था. स्कूल में शिक्षा का स्तर कमजोर है जिसे सुधारने के लिए प्राचार्य को निर्देशित किया गया है.

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