बीकानेर की पूर्व राजमाता सुशीला कुमारी का निधन, महारानी कहे जाने के पीछे भी थी ये वजह, जानें
Bikaner News: बीकानेर राजपरिवार की आखिरी महारानी और पूर्व राजमाता सुशीला कुमारी का लालगढ़ पैलेस स्थित अपने आवास पर निधन हो गया. सुशीला कुमारी का दाह संस्कार रविवार को बीकानेर के सागर गांव में स्थित राजपरिवार के पारिवारिक संस्कार स्थल पर किया जाएगा. उनकी पार्थिव देह जूनागढ़ किले में आम लोगों के दर्शन के लिए […]

Bikaner News: बीकानेर राजपरिवार की आखिरी महारानी और पूर्व राजमाता सुशीला कुमारी का लालगढ़ पैलेस स्थित अपने आवास पर निधन हो गया. सुशीला कुमारी का दाह संस्कार रविवार को बीकानेर के सागर गांव में स्थित राजपरिवार के पारिवारिक संस्कार स्थल पर किया जाएगा. उनकी पार्थिव देह जूनागढ़ किले में आम लोगों के दर्शन के लिए रखी गई है. राज्य के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला समेत कई लोगों ने उनके आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
पांच बार के सांसद रहे ओलंपियन डॉ. करणी सिंह की पत्नी सुशीला कुमारी 94 वर्ष की आयु में बीकानेर के लालगढ़ पैलेस में निधन हो गया. डूंगरपुर राजघराने की राजकुमारी सुशीला कुमारी मशहूर क्रिकेटर राजसिंह डूंगरपुर की बहन थीं. डूंगरपुर के महारावल लक्ष्मण सिंह की पुत्री सुशीला कुमारी का जन्म 25 जुलाई 1929 हुआ था. 25 फरवरी 1944 को उनका विवाह बीकानेर के पूर्व महाराजा और अंतरराष्ट्रीय शूटर करणीसिंह से हुआ.
1950 में डॉ. करणी सिंह के राज्याभिषेक के बाद से 1971 तक सुशीला कुमारी को बीकानेर की महारानी के तौर पर सम्मान दिया जाता था. केंद्र सरकार ने 1971 में प्रिवी पर्स का प्रावधान समाप्त किए जाने तक उन्हें बीकानेर की महारानी की पुकारा जाता था. 6 सितंबर 1988 को डॉ. करणीसिंह के देहांत के बाद सुशीला कुमारी को राजमाता कह कर बुलाया जाने लगा. सुशीला कुमारी के पति डॉ. करणी सिंह 1952 से 1977 लगातार बीकानेर लोकसभा सीट से सांसद रहे और अब उनकी पोती सिद्धि कुमारी पिछले लगातार तीसरी बार बीकानेर पूर्व विधानसभा सीट से विधायक हैं.