Rajasthan News: 25 सितंबर को बगावत का बिगुल बजाने वाले अब राहुल गांधी की यात्रा में थिरकते और सत्कार करते नज़र आ रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा में जहां राहुल गांधी पैदल चलकर राजस्थान की सियासत को माप रहे हैं. तो दूसरी तरफ क्या मरूधरा की सियासी गर्मी राहुल गांधी की परेशानी तो नहीं बढ़ा रही. ऐसा इसलिए क्योंकि उनके दोनों तरफ गहलोत और पायलट साथ चलते नजर आ रहे हैं. दोनों में फासले खूब है, दूरियां खूब है और इन दूरियों को मिटाने के लिए बीच में चले हैं राहुल गांधी. लेकिन क्या राहुल गांधी इन दूरियों की वजह को भांप पाए हैं? वैसे सवाल यह भी है कि गहलोत के कान में राहुल गांधी ने कहा क्या जो वो लोगों को नहीं बताना चाहते थे.
खैर सवाल और सियासत हमेशा बरकरार है. बहरहाल, सवाल कांग्रेस के आलाकमान का, सवाल उस शांति का जो कांग्रेस में बरकरार है. क्योंकि इन्हीं शांति धारीवाल समेत कई दिग्गजों ने आलाकमान का अपमान किया था. धारीवाल के खिलाफ जहां पायलट खेमा एक्शन का इंतजार कर रहा था. वहीं, धारीवाल को भारत जोड़ो यात्रा का जिम्मा मिला. जिम्मा भी ऐसा कि धारीवाल आलाकमान के सामने थिरकते नजर आए. कौन किसे नचा रहा है पता नहीं. जादू किसका आलाकमान पर चला है पता नहीं.
वैसे भी सियासत में हर दिन दूसरे खेमे पर बढ़त लेने का होता है. गुजरात चुनाव में जादूगर का जादू बेअसर रहने के बाद हिमाचल की जीत को लेकर पायलट ने बढ़त ली. तो अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या आलाकमान की ओर से भेजे गए नोटिस पर तीनों नेताओं को क्या क्लीन चिट मिल चुकी है? जिस तरह की खबरें आ रही है जानकारी के मुताबिक तीनों नेताओं ने जवाब पेश किए गए. बैठक में कार्रवाई को लेकर चर्चा हुई, माफीनामा भी दिया गया है. उसके बाद ये सवाल उठ रहे हैं की क्या आलाकमान ने उस माफीनामे को स्वीकार कर लिया है क्या? क्योंकि तीनों नेता अब यात्रा की मुख्य भूमिका में भी दिखाई दे रहे हैं. जब भारत जोड़ो यात्रा कोटा पहुंची तो धारीवाल राहुल के सामने शक्ति प्रदर्शन से नहीं चूके. राठौड़ को राहुल की सत्कार कमेटी में लगाया गया है. मंगलवार को ही वे सरदारशहर के नवनिर्वाचित विधायक अनिल शर्मा के साथ पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मिले.
अब इन सबके बीच पूर्व प्रदेश प्रभारी अजय माकन के मन में क्या चल रहा होगा? क्या माकन राजस्थान के टूरिज्म का लुत्फ उठा पाएंगे? गुलाबी नगरी की चकाचौंध में गहलोत के सामने बेरंग होकर लौटे माकन क्या इन सबसे खुश हैं? क्योंकि उन्होंने गहलोत खेमे पर कार्रवाई न होने व धारीवाल-राठौड़ को यात्रा का जिम्मा दिए जाने से नाराज होकर ही पद से इस्तीफा दिया था, इन सब के बीच लगातार सवाल बने हुए हैं कि क्या आलाकमान ने तीनों का माफीनामा स्वीकार कर लिया है. क्या आलाकमान ने तीनों को क्लीन चिट दे दी है?
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