राजनीतिक रिटायरमेंट से सीएम गहलोत का इनकार, किसान कर्जमाफी पर बोले- केंद्र के बगैर संभव नहीं
CM Ashok Gehlot on Retirement: राजस्थान में कांग्रेस अभी से चुनावी मोड में नजर आ रही है. सीएम गहलोत अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट फरवरी में पेश करने जा रहे हैं. कहा जा रहा है यह बजट कई देशों की अर्थव्यवस्था से बड़ा होगा. वहीं दूसरी तरफ आज कांग्रेस ने लंबे समय से लंबित […]
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CM Ashok Gehlot on Retirement: राजस्थान में कांग्रेस अभी से चुनावी मोड में नजर आ रही है. सीएम गहलोत अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट फरवरी में पेश करने जा रहे हैं. कहा जा रहा है यह बजट कई देशों की अर्थव्यवस्था से बड़ा होगा. वहीं दूसरी तरफ आज कांग्रेस ने लंबे समय से लंबित ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की सूची भी जारी कर दी है. ऐसे में कांग्रेस आने वाले चुनावों को देखते हुए अभी से चुनावी तैयारियों में जुटती हुई नजर आ रही है. दूसरी तरफ सीएम गहलोत, सचिन पायलट राजस्थान में फिर से सरकार रिपीट करने की बात कर रहे हैं. सरकार के चार साल पूरे होने पर की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम गहलोत ने कहा कि इन चार वर्षो में प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुए हैं. चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना की तारीफ करते हुए सीएम ने कहा ऐसी योजना केन्द्र को छोड़कर किसी भी राज्य में नहीं है. इन्हीं सब योजनाओं का ज्रिक करते हुए सीएम ने अपने द्वारा किए कार्य की उपलब्धियां गिनवाई, लेकिन सवाल उठता है कि क्या राजस्थान में इस साल होने वाले चुनावों में कांग्रेस सीएम गहलोत के चेहरे पर चुनाव लड़ने जा रही है?
रिटायरमेंट पर सीएम गहलोत का जवाब
चार वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम गहलोत ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि वह रिटायरमेंट लेकर पॉलिटिक्स की क्लासे लेंगे. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि सीएम गहलोत 2023 के चुनावों में रिटायरमेंट लेने वाले हैं. यह सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता था. लेकिन आज दैनिक भास्कर में छपे एक इंटरव्यू में सीएम गहलोत ने साफ कर दिया कि वह अभी रिटायरमेंट लेने के मूड में नहीं है. सीएम गहलोत ने कहा कि वह निकट भविष्य में राजनीति से संन्यास नहीं ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश में पढ़े-लिखे युवाओं को राजनीति में आने की आवश्यकता है साथ ही प्रशिक्षण की भी आवश्यकता है.
सीएम गहलोत के इस इंटरव्यू के बाद राजनीतिक गलियारों में एक सवाल की चर्चा काफी हो रही है कि क्या इस साल होने वाले चुनावों में क्या सचिन पायलट की जगह अशोक गहलोत के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा? वहीं सचिन पायलट प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की बात कह चुके हैं. ऐसे में सीएम गहलोत के बयान के मायने भी निकाले जाने लगे हैं. सीएम गहलोत सचिन पायलट को सीएम बनाने को लेकर अपना कड़ा विरोध जता चुके हैं और यह बात वह एक टीवी इंटरव्यू में खुलकर कह चुके हैं. ऐसे में क्या आलाकमान इस उलझी हुई गुत्थी को सुलझा पाएगा? यह बड़ा सवाल है. क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा के बाद से राजस्थान में किसी गुट की खींचतान खुलकर सामने नहीं आई है.
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केन्द्र की मदद के बिना नहीं हो सकती किसानों का कर्जमाफी
सीएम गहलोत ने किसानों के राष्ट्रीय बैंकों के कर्जमाफी पर कहा कि वह बैंकों से बात कर चुके हैं. सीएम ने कहा कि हम भारत सरकार से किसानों के राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्ज का उद्योगपतियों की तरह वन टाइम सैटलमेंट करने के लिए लेटर लिख चुके हैं लेकिन केन्द्र सरकार की परमिशन के बैगर राष्ट्रीय बैंकों का कर्जा माफ करना संभव नहीं होगा. वहीं सीएम ने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद हमने 22 लाख किसानों का 14 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया है. विपक्ष पर आरोप लगाते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में किसान कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं ऐसे बीजेपी किसानों को डिफॉल्टर कहकर अपमानित कर रही है.
सीएम गहलोत बोले राज्य में एंटी इकंबेसी नहीं
सीएम गहलोत ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस बार कांग्रेस करीब 30 साल पुरानी परिपाटी को ब्रेक करेगी. गहलोत ने कहा कि इस बार हमारी योजनाओं से हर तबके के लोगों को लाभ मिला है. हर जगह हमारी योजनाओं की चर्चा है, जनता के मन में एंटी इकंबेसी नहीं है. इसी कारण हमने 9 में 7 उपचुनाव जीते हैं.
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वहीं दूसरी ओर फेस वॉर को लेकर राजस्थान में चली आ रही खींचतान अभी शांत है, लेकिन दूसरी ओर सीएम गहलोत सचिन पायलट पर हावी होते नजर आने लगे हैं. पहले एक टीवी को इंटरव्यू में पायलट पर हमला बोला और अब अपने रिटायरमेंट वाले बयान को खारिज कर दिया है. ऐसे में आने वाले दिनों में राजस्थान कांग्रेस के अंदर शांत दिख रही खींचतान का बम फूट सकता है.
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