कांग्रेस MLA साफिया जुबेर बोली: राम-श्रीकृष्ण के वंशज हैं मेव, MLA अमीन बोले- भारत सेक्युलर देश नहीं
Rajasthan: राजस्थान विधानसभा में बुधवार को कांग्रेस की महिला विधायक ने भगवान और धर्म से जुड़ा एक बड़ा बयान दिया है. अलवर के रामगढ़ से कांग्रेसी विधायक साफिया जुबेर ने खुद को और मेव समाज को राम-कृष्ण का वंशज बता दिया. इस बयान के बाद विधायक अमीन ने पलटवार करते हुए कहा कि 1984 के […]
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Rajasthan: राजस्थान विधानसभा में बुधवार को कांग्रेस की महिला विधायक ने भगवान और धर्म से जुड़ा एक बड़ा बयान दिया है. अलवर के रामगढ़ से कांग्रेसी विधायक साफिया जुबेर ने खुद को और मेव समाज को राम-कृष्ण का वंशज बता दिया. इस बयान के बाद विधायक अमीन ने पलटवार करते हुए कहा कि 1984 के बाद भारत सेक्युलर नहीं रहा. बुधवार को सदन में शिक्षा विभाग के अनुदानों पर बहस के दौरान विधायक साफिया ने यह बयान दिया.
विधायक साफिया ने कहा कि कहा- मेव लोग अलवर, भरतपुर, नूंह और थोड़ा मथुरा में बसते हैं, जहां कृष्ण जी का जन्म हुआ था. विधायक ने कहा कि मैंने भी थोड़ा इतिहास निकाला/ निकलवाया जागाओं से. तो इतिहास में निकलकर आया कि मेव तो राम और श्रीकृष्ण के वंशज हैं. चाहे धर्म का परिवर्तन हो गया हो या कुछ भी हो गया हो. लेकिन खून तो व्यक्ति का नहीं बदलता. खून तो हममें राम और श्री कृष्ण का ही है. साफिया ने कहा कि ये लोग कौन हैं इन्हें मेव नहीं मेवा समझें. मेवों को बार-बार पिछड़े कहने की जरूरत नहीं है. सदन में साफिया ने आगे कहा कि मेवों को बार-बार पिछड़े कहने की जरूरत नहीं है. आप 10 साल में देखना कि मेव कहां पहुंचते हैं. अभी सदन में हम तीन विधायक यहां तक पहुंचे हैं, आगे देखना हम कहां-कहां पहुंच जाएंगे.
वहीं सदन में वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री अमीन खान ने कांग्रेस पार्टी पर देश की धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिकता को लेकर बड़ा हमला किया है. विधानसभा में बोलते हुए अमीन खान ने कहा कि भारत सेक्युलर देश नहीं रहा, हम तो यहां वक्त गुजारते हैं. मगर हिंदू राष्ट्र बन भी जाएगा तो भी हमें कोई मार नहीं सकता है. लेकिन धर्मनिरपेक्षता यहां कागजों में है. स्कूलों में एक धर्म विशेष के प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है. जानते सभी लोग हैं. मगर कोई कुछ बोलता नहीं है. मुसलमानों के बच्चे पढ़े-लिखे ने इसलिए मुस्लिम इलाकों में शिक्षकों की कमी रखी जाती है.
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अमीन खान का कहना है कि देश की धर्मनिरपेक्षता तो उसी दिन ख़त्म हो गई थी जिस दिन 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों को मारा गया था. उधर विधायक साफिया जुबेर ने कहा कि उदयपुर में कन्हैया लाल वाला राहत पैकेज मेवात के जुनैद और नासिर को नहीं मिला, जबकि यह दोनों भी नफरत के शिकार हुए थे.
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