ज्योति मिर्धा ने नागौर से बीजेपी के टिकट पर लड़ा चुनाव, अब इस मामले में दर्ज हो गया मुकदमा

Case against Jyoti mirdha: राजस्थान (rajasthan news) के जोधपुर में नागौर से बीजेपी की उम्मीदवार और पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा (jyoti mirdha) के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है. इस केस में उनकी बहन और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा की पत्नी हेमश्वेता और प्रेम प्रकाश मिर्धा को भी आरोपी बनाया है. जानकारी के मुताबिक आरोपियों […]

Rajasthan Election: नागौर जिले में कुल 10 विधानसभा हैं. आज पीएम नरेंद्र मोदी नागौर के स्टेडियम में जन सभा को
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Case against Jyoti mirdha: राजस्थान (rajasthan news) के जोधपुर में नागौर से बीजेपी की उम्मीदवार और पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा (jyoti mirdha) के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है. इस केस में उनकी बहन और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा की पत्नी हेमश्वेता और प्रेम प्रकाश मिर्धा को भी आरोपी बनाया है. जानकारी के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ 420 सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है. अनिल चौधरी के इस्तगासे पर दर्ज किए गए इस मामले में आदर्श प्रगतिशील गृह निर्माण सहकारी समिति के भूखंड विवाद में तीनों आरोपियों पर फर्जीवाड़ा करने के आरोप लगाए गए हैं.

दरअसल, ज्योति मिर्धा के पिता राम प्रकाश मिर्धा ने बेची गई जमीन के भाव बढ़ने के बाद वारिस ज्योति मिर्धा, हेमश्वेता मिर्धा और प्रेम प्रकाश मिर्धा ने विक्रय विलेख बनाए. जो 23 मई 1988 और 11 अक्टूबर 1989 के बताए गए. इसमें एक मोबाइल नंबर भी अंकित किया गया. जबकि उस समय मोबाइल का प्रचलन ही नहीं था. इस तरह से कूटरचित विलेख बनाए गए.

यहां समझिए पूरा मामला

उल्लेखनीय है कि ज्योति मिर्धा और उनकी बहन ने अगस्त-21 में अपने चाचा भानुप्रकाश मिर्धा, पूर्व मंत्री उषा पूनिया उनकी दो बेटियों सहित 13 जनों के खिलाफ उनके पिता की भूमि का फर्जी तरीके से बेचाननामा करने का आरोप लगाया था. साथ ही इस मामले में चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में एक एफआईआर दर्ज करवाई थी. उस एफआईआर को आरोपियों ने राजस्थान हाईकोर्ट में खारिज करवाया. उसके बाद ज्योति मिर्धा व अन्य सुप्रीम कोर्ट गए, यहां भी उनकी याचिका खारिज हो गई. इसके बाद उषा पूनिया, अनिल चौधरी और अन्य ने ज्योति मिर्धा सहित तीन के खिलाफ अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट संख्या-6 की अदालत में इस्तगासे पेश किए. जिस पर कोर्ट ने उदयमंदिर थाने को मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए थे.

जोधपुर के चौपासनी क्षेत्र में करीब पचास बीघा क्षेत्रफल में मिर्धा फार्म हाउस स्थित है. नाथूराम मिर्धा यहां पर निवास करते थे. उनके दौर में यह क्षेत्र जोधपुर शहर से बाहर था. शहर के विस्तार के साथ यह शहरी सीमा में आ गया. इसी के चलते जमीन के दाम बहुत अधिक बढ़ गए. ज्योति के चाचा का आरोप था कि 1988 में उसके चाचा भानु प्रकाश ने फार्म हाउस की चार बीघा भूमि भंवरलाल को बेच दी. भंवरलाल ने इस भूमि पर कॉलोनी काटने का फैसला किया. जो हिस्सा बेचा गया, वह रामप्रकाश मिर्धा के हिस्से का था.

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राम प्रकाश मिर्धा की मौत, ज्योति मिर्धा की मां बनी संपत्ति की वारिस

राम प्रकाश मिर्धा की 22 जुलाई 1993 को मौत हो गई थी. इसके बाद ज्योति मिर्धा की मां वीणा देवी संपत्ति की वारिस बनी. उनकी मौत के बाद दोनों बेटियां ज्योति व हेमश्वेता वारिस बनी. ज्योति मिर्धा ने आरोप लगाया था कि उनकी पिता की मृत्यु से पहले चाचा भानू प्रकाश ने कृषि भूमि का आवासीय में परिवर्तित करवा लिया. 2018 के अंत में न्यायालय के समक्ष बंटवारे के दावे के दौरान इस फर्जीवाड़े की जानकारी उन्हें प्राप्त हुई थी. जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज हुई. लेकिन इस एफआईआर को पहले हाईकोर्ट व बाद में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. अब जोधपुर कमिश्नरेट की उदय मंदिर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.

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