Alwar crime news: अलवर में फर्जी दस्तावेज तैयार कर बैंक से धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मामला अलवर के राजगढ़ थाना क्षेत्र का है. यहां ई-मित्र संचालक ने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के फर्जी दस्तावेज तैयार कर तहसीलदार के समक्ष लगाकर जमीन को रहन मुक्त करवाने का प्रयास किया और फर्जी नोड्यूज पेश किया. पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक ही मित्र संचालक भी है. राजगढ़ थानाधिकारी राजेश वर्मा ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक राजगढ़ के शाखा प्रबंधक अभिषेक ने 2 जनवरी को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया की भारतीय स्टेट बैंक शाखा राजगढ़ से सकट गांव निवासी रामधन पुत्र पांया राम, छोटेलाल मीणा पुत्र रामधन मीणा ने 2 लाख 19 हजार रुपए का केसीसी ऋण लिया था. बैंक में उसके खाते में करीब 3 लाख 32 हजार रुपए बकाया निकल रहे हैं.
29 दिसम्बर को SBI शाखा राजगढ़ के फील्ड ऑफिसर सूर्यप्रकाश को जानकारी मिली कि बैंक से KCC ऋणी छोटेलाल मीणा ने फर्जी नॉड्यूज बैंक के लेटर पैड पर बनाकर जमीन को रहन मुक्त करवाने का प्रार्थना पत्र लगाया है. किसान ने तहसीलदार राजगढ़ के यहां रामधन पुत्र पांचूराम का हिस्सा रहन फक्कम करने बाबत पेश किया. उनके द्वारा नॉड्यूज 23 दिसम्बर को देखने पर पता चला कि यह नॉड्यूज शाखा के फर्जी लैटर पैड पर तैयार किया गया है.
लैटर पैड पर बैंक के किसी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं है और ना ही बैंक अधिकारी द्वारा जारी किया गया है. इस पर फील्ड ऑफिसर ने सकट गांव जाकर जानकारी जुटाई और साक्ष्य एकत्रित किए. इस दौरान ऋणी के द्वारा बैंक में 1 लाख 72 हजार रुपए की जमा पर्ची बताई एवं 23 दिसम्बर का बैंक द्वारा जारी नॉड्यूज प्रमाण पत्र बताया. रिपोर्ट में बताया कि फील्ड ऑफिसर द्वारा पर्ची देखने पर मालूम हुआ कि वह जमा पर्ची फर्जी है. ऋणी द्वारा बैंक में कोई रकम जमा नहीं करवाए गई है. आरोपियों ने बैंक का फर्जी लेटर पैड तैयार कर बैंक की राशि का गबन करने की कोशिश की. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी.
पुलिस ने फर्जी कागजात तैयार करने के मामले में सरगना छोटेलाल मीणा पुत्र रामधन मीणा निवासी सकट, हीरालाल सैनी पुत्र गंगालहरी सैनी निवासी राजगढ़ और धौला खोजा की कोठी निवासी राकेश कुमार सैनी पुत्र लहरीराम को गिरफ्तार किया. पूछताछ में आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि केसीसी ऋण की राशि को एसबीआई बैंक में कम करवाने के लिए दस्तावेजों में कांटछांट की गई. पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपियों के कहने पर ई-मित्र संचालक ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे।. जिस पर पुलिस ने ई-मित्र संचालक को भी गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त एसबीआई बैंक की शील, मोहर व एक सीपीयू को जप्त कर जांच में जुट गई है.
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