Alwar: माता-पिता ने अपनी नवजात बच्ची के साथ किया ऐसा सलूक, जानकारी मिलने के बाद हर कोई कर रहा बुराई
Rajasthan: कहते हैं जाको राखे साइयां मार सके ना कोई..यह कहावत अलवर के नौगांवा में 7 दिन की उस बच्ची के लिए है. जिस बच्ची को जन्म होते ही उसकी बेरहम मां-बाप ने आदमखोर कुत्तों के पास उनका निवाला बनने के लिए सड़क पर फेंक दिया. लेकिन विधाता को शायद और ही कुछ मंजूर था. […]

Rajasthan: कहते हैं जाको राखे साइयां मार सके ना कोई..यह कहावत अलवर के नौगांवा में 7 दिन की उस बच्ची के लिए है. जिस बच्ची को जन्म होते ही उसकी बेरहम मां-बाप ने आदमखोर कुत्तों के पास उनका निवाला बनने के लिए सड़क पर फेंक दिया. लेकिन विधाता को शायद और ही कुछ मंजूर था. वहां से गुजर रहे एक मुसलमान युवक को बच्ची नजर आई. वो बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंचा. बच्ची के मिलने की सूचना आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई. अस्पताल में बच्ची भूख से तड़प रही थी. तो इस दौरान वहां मौजूद एक महिला ने बच्ची को अपना दूध पिलाया. डॉक्टर ने कहा कि बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है. कुछ ही देर में बच्ची को गोद लेने के लिए अस्पताल में लोग भी पहुंचने लगे. लेकिन बच्ची को अडॉप्ट करने की प्रक्रिया सरकारी होती है. उसमें समय लगता है. इसलिए डॉक्टरों ने बच्ची को देने से मना कर दिया व सरकारी कस्टडी में उसे मदर टेरेसा होम भेज दिया गया है.
अलवर नौगावा तहसील के हाजीपुर गांव में लुकमान पुत्र इस्लाम राजकीय विद्यालय के समीप स्थित सरकारी जोहड़ के पास से गुजर रहे थे. पास ही केले के पत्तों पर एक कपड़े में लिपटी हुई एक नवजात मिली. वहां आसपास कुत्ते भी घूम रहे थे. उन्होंने तुरंत ग्रामीणों को सूचित किया व ग्रामीण मौके पर पहुचे. गांव के लुकमान, राजपाल और विक्रम नवजात को लेकर नौगांवा स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र आए. स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र के डॉ सुनील गुप्ता ने बच्ची का चेकअप करने के दौरान बताया की नवजात बालिका 7 या 8 दिन की है. बालिका पूरी तरह स्वस्थ है. नवजात बच्ची भूख से रो रही थी. ऐसे में अस्पताल में मौजूद एक प्रसूता ने तुरंत बच्ची को दूध पिलाया. उसे पर अपना दुलार लुटाया. यह देखकर अस्पताल का माहौल भावुक हो गया. सभी महिलाएं लोग बच्ची को प्यार करने लगे.
आशा सहयोगिनी अस्पताल में बच्ची की कर रही देखभाल
एक आशा सहयोगिनी अस्पताल में बच्ची की देखभाल कर रही थी. तो बच्ची भी आशा सहयोगिनी को अपनी मां समझने लगी व नवजात ने उसकी उंगली पकड़ ली. यह देख कर लोग उसकी फोटो लेने लगे तो कुछ वीडियो बनाते हुए भी नजर आए. बच्ची की सूचना आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई. नौगांवा कस्बे की जनता ने अपना प्यार दिखाते हुए नवजात बालिका को गोद लेने के लिए आगे आए.
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एक तरफ जहां नवजात बालिका के माता पिता को नवजात बच्ची को कुत्तों के पास सड़क पर फेंक दिया. उनको जरा भी दया नहीं आई. तो दूसरी तरफ ऐसे भी लोग है जो नवजात बालिका को अपनाने के लिए तुरंत नौगांवा स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र पहुंचे. नवजात बच्ची को प्रशासन की देखरेख में स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र का स्टाफ और पुलिस प्रशासन शिशु गृह लेकर गया.
जांच में जुटी पुलिस
अस्पताल प्रशासन ने मामले की सूचना पुलिस को दी. तो पुलिस की तरफ से आसपास के हॉस्पिटल की जांच पड़ताल की जा रही है. साथ ही बच्ची के माता-पिता का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है.