RTU Kota News: राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी (आरटीयू) में परीक्षा में पास करने के बदले छात्राओं से अस्मत मांगने के मामला में नया खुलासा हुआ है. बिचौलिए छात्र अर्पित अग्रवाल के मोबाइल में आरोपी प्रोफेसर गिरीश परमार के साथ बातचीत के 50 से ज्यादा डर्टी ऑडियो मिले हैं. अर्पित के मोबाइल में 2 महीने में 50 से ज्यादा कॉल रिकॉर्ड हैं. बताया गया कि दोनों के बीच करीब 3-4 घंटे की रिकॉर्डिंग हो सकती है. फिलहाल एसआईटी इसकी जांच कर रही है. वहीं पुलिस भी रिकॉर्डिंग की ट्रांसक्रिप्ट तैयार कर रही है. पुलिस रिमांड में यह भी सामने आया है कि आरोपी प्रोफेसर अपना शौक पूरा करने के लिए बैंकॉक, मुंबई, दिल्ली, गुड़गांव भी जाता था. इसके अलावा अपने आवास पर कोटा में कई बार कॉल गर्ल को भी बुलाया था.
गौरतलब है कि आरटीयू के निलंबित एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और छात्र अर्पित अग्रवाल के खिलाफ दादाबाड़ी थाने में पास करने की एवज में छात्रा ने अस्मत मांगने का मामला दर्ज करवाया था. जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था. दोनों ही पुलिस रिमांड में चल रहे हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है. इन दोनों के खिलाफ अब कुल तीन मुकदमे दर्ज हो गए हैं.
रिमांड के दौरान हुए कई खुलासे
रिमांड पर चल रहे आरोपी प्रोफेसर से पूछताछ में नए-नए खुलास हो रहे हैं. सामने आया कि एग्जाम पेपर तैयार करने, एग्जाम कॉपी भी चेक करने का काम आरोपी प्रोफेसर के चहेते स्टूडेंट ही करते थे. इसी बीच बिचौलिए छात्र अर्पित अग्रवाल के मोबाइल में 50 से ज्यादा डर्टी ऑडियो मिले हैं. वहीं पुलिस को ये भी जानकारी मिली की प्रोफेसर गिरीश परमार शौक पूरे करने के लिए बैंकॉक, पटाया, मुंबई, दिल्ली, गुड़गांव भी जाता था. प्रोफेसर को महंगी शराब पीने का भी शौक था. वहीं कई बार अपने आवास पर कॉल गर्ल भी बुलाता था. पुलिस को आरोपी के मोबइल में छात्राओं के फोटो भी मिले हैं.
बिचौलिए छात्र को था फंसने का शक
बिचौलिए छात्र अर्पित को शक था कि वह फंस सकता है. वह परमार के साथ मिलकर जो गलत काम कर रहा है, परमार इससे कभी भी पल्ला झाड़ सकता है, इसलिए उसने पिछले 2 महीनों से उसकी कॉल रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया था. यह ऑडियो रिकॉर्डिंग भी नवंबर और दिसंबर महीने की है. अब इन कॉल रिकॉर्डिंग को बतौर एविडेंस अर्पित अग्रवाल और प्रोफेसर गिरीश परमार के खिलाफ उपयोग में लिया जाएगा. अब यह ऑडियो दोनों के लिए मुसीबत का सबब बन गए हैं और इन डर्टी ऑडियो को पुलिस बतौर सबूत के तौर पर इस्तेमाल करेगी. जिससे इन दोनों के और भी खुलासे हो सकते हैं.
कैफेटेरिया में बैठकर छात्राओं पर रखता था नजर
निलंबित प्रोफेसर गिरीश परमार की रंगीन मिजाजी के चर्चे पूरे कैंपस में है. बताया गया कि वह अपना ज्यादातर समय विश्वविद्यालय के कैफेटेरिया में गुजारते थे और उनके साथ उनके चहेते स्टूडेंट भी होते थे. वहां पर वह आती-जाती छात्राओं पर नजर रखते थे. इनके साथ अन्य स्टूडेंट भी साथ में होते थे. जिन्हें प्रोफेसर ने अपना चेला बनाया हुआ था, वह परमार को छात्राओं के बारे में जानकारी देते थे.
नंबर बढ़ाने-पास करने के बहाने बनाता था टारगेट
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी गिरीश परमार परीक्षा में नंबर बढ़ाने-पास करने के बहाने गर्ल्स को टारगेट करता था. बिचौलिए अर्पित के जरिए इस काम को अंजाम देता था. चौंकाने वाली बात ये है कि नंबर कम करने के बाद अर्पित के जरिए परीक्षा की कॉपियां दिखाकर ब्लैकमेल करता था. इसके बाद नंबर बढ़ाने के लिए अपने आवास पर आने की डिमांड करता था. बिचौलिया अर्पित भी छात्राओं को बोलता था कि नंबर बढ़वाने हैं तो परमार सर के पास जाना पड़ेगा.