राष्ट्रीय करणी सेना और श्रीराजपूत करणी सेना के सुप्रीमो भिड़े, एक-दूसरे पर लगाया फायरिंग का आरोप
राजस्थान में राजपूत समाज के दो बड़े संगठनों के नेताओं में वर्चस्व की जंग तेज हो गई है.
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राजस्थान में राजपूत समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले दो बड़े संगठनों के नेताओं में वर्चस्व की जंग तेज हो गई है. इसकी बानगी जयपुर (Jaipur Crime News) में शुक्रवार रात देखने को मिली, जहां राष्ट्रीय करणी सेना (Rashtriya Karni sena) और श्रीराजपूत करणी सेना (Shree Rajput Karni Sena) के अध्यक्ष आपस में भीड़ गए. इस दौरान दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर फायरिंग करने का आरोप लगाया है. हालांकि घटनाक्रम में श्रीराजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना घायल हो गए तो वही राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष शिव सिंह बाल-बाल बच गए.
जयपुर पश्चिम पुलिस उपायुक्त अमित कुमार ने बताया कि घटनास्थल पर फायरिंग के खोल बरामद हुए है. हालांकि फायरिंग में किसी को चोट नहीं आई है. वहीं मारपीट में घायल महिपाल सिंह मकराना (Mahipal Singh Makrana) को अस्पताल में भर्ती करवाया. घटना के वक़्त शिव सिंह और महिपाल सिंह मकराना दोनों के पास गनमैन थे. हालांकि मामले की ठोस वजह क्या रही, इसको लेकर पूछताछ चल रही है.
बाल-बाल बचे शिव सिंह
जानकारी के अनुसार, चित्रकूट पुलिस थाने से कुछ ही दूरी पर राष्ट्रीय करणी सेना का कार्यालय है. अध्यक्ष शिव सिंह अपने समर्थकों के साथ वहां बैठे थे. तभी करीब 9 बजे के आसपास महिपाल सिंह मकराना के साथ अन्य लोग शिवसिंह के कार्यालय में आते हैं और शिव सिंह के गनमैन को बाहर जाने का इशारा करते हैं. इसके बाद एक गनमैन जैसे ही बाहर जाता है तो हंगामा खड़ा हो जाता है. शिव सिंह का आरोप है कि चार में से एक बदमाश ने उसके ऊपर फायर किया लेकिन गोली उनके पास में से निकल गई. इस दौरान उनके गनमैन ने अपनी बंदूक के बट से बदमाश के सिर पर दे मारा, जिससे वो लहूलुहान हो गया. इतने में बाकी समर्थक आ गए और उन्होंने बदमाशों को पकड़ लिया.
मकराना बोले- मेरे ऊपर धोखे से हमला हुआ
वहीं श्रीराजपूत करणी सेना के अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना का आरोप है कि उनके ऊपर धोखे से हमला किया गया है. जबकि उन्हें शिव सिंह ने अपने कार्यालय बुलाया और करणी सेना को एक करने की बात कही. लेकिन उल्टे शिव सिंह ने ही अपने गनमैन की बंदूक लेकर खाली जगह पर फायर कर उनपर फायरिंग का आरोप लगाकर हमला कर दिया. इस दौरान उनके साथ 3 अन्य लोग और शिव सिंह के 30 के करीब समर्थक थे. सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के बाद शिव सिंह राष्ट्रीय करणी सेना बनाकर समाज को गुमराह कर रहा था, लेकिन अब वह इसका बदला लेंगे.
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