मामा के घर जाने के लिए कहा तो कर दी मां की हत्या, बेटे ने चाकू से 80 वार कर उतारा मौत के घाट

Pramod Tiwari

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Bhilwara News: राजस्थान के भीलवाड़ा में एक मां की हत्या ने हर किसी को हिलाकर रख दिया है. बेटे ने मां के शरीर पर चाकू से ताबड़तोड़ 80 घाव किए. बेरहमी भी ऐसी कि जब तक सांसे नहीं टूट गई, तब तक वार जारी रखे. उपनगर पुर के पिपलेश्वर महादेव मंदिर के पास रहने वाले शंकर लाल बिश्नोई के इकलौते बेटे सुनील ने अपनी मां मंजू देवी पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर हत्या कर दी थी. हत्या के समय मृतका मंजू की सास घर के बाहर बैठी थी और पिता शंकरलाल सब्जी लेने गए हुए थे. अब इस पूरे मामले में खुलासा हुआ है.

जांच में सामने आया कि मां अपने पीहर खाना खाने जाना चाहती थी, लेकिन उसके इकलौते बेटे को पसंद नहीं था. जिसके बाद गुस्से में ऐसी सनक चढ़ी कि मां के शरीर पर चाकू से 80 घाव कर दिए. इस दौरान छाती पर चाकू के 40 जख्म देखकर शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर भी सन्न रह गए.

शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया. साथ ही आरोपी सुनील को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुर थाना प्रभारी पूरणमल मीणा ने बताया कि मृतका मंजू देवी निमंत्रण पर अपने पीहर भोजन करने जाना चाहती थी. उसका बेटा सुनील अपने मामा को पसंद नहीं करता था. इसी के चलते सुनील ने अपनी मां की हत्या कर दी. छाती के अलावा पीठ, गर्दन और हाथ पर भी घाव थे.

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मानसिक तौर पर बीमार है आरोपी
आरोपी बेरोजगार है और उसकी मानसिक हालत भी ठीक नहीं बताई गई है. अपनी मां की हत्या के बाद आरोपी बेटा शव के पास बैठा रहा और पिता के सब्जी लेकर घर लौटने पर उन्हें कमरे में बंद कर भागने का प्रयास किया. इसी दौरान मौहल्ले वालों ने पकड़ लिया.

जानकारी के मुताबिक सुनील के अपने ननिहाल में दोनों मामा से संबंधित ठीक नहीं थे. रक्षाबंधन पर भी उसकी मां राखी बांधने मामा के घर जाना चाहती थी, लेकिन सुनील ने 10 दिन तक अपनी मां को कमरे में बंद रखा और उसे नहीं जाने दिया. सुनील के खिलाफ उसके दो मामा पुलिस में 3 रिपोर्ट दे चुके थे. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने मामले को घर का आपसी विवाद बताकर इसे हल्के में लिया.

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मामा के घर पर फेंका था सुतली बम 
सुनील की अपने मामा से इतनी नाराजगी थी कि उसने एक मामा के घर पर सुतली बम फेंका था. जबकि एक बार वह गर्म दाल भी फेंक चुका है. जिसके चलते मां मंजू देवी अपने बेटे के इन अत्याचारों से परेशान थी. आरोपी अपनी मां से आए दिन मारपीट करता था. सुनील और उसका पिता शंकरलाल दोनों कोई काम नहीं करते हैं. मृतका मंजू देवी ही मेहनत मजदूरी कर परिवार की जिम्मेदारी संभाल रही थी.

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