Alwar News: अलवर में 2 अक्टूबर 2017 को कुछ ऐसा हुआ कि आज भी लोग उसे याद कर सिहर जाते हैं. एक मासूम चेहरे के पीछे छिपी सच्चाई ने सबको झकझोर कर रख दिया. जब पता चला कि खूबसूरत चेहर के पीछे एक ऐसी महिला है जिसने प्रेमी के प्यार में पागल होकर सोते हुए पति, अपनी कोख से जन्में 3 मासूम और देवरानी के एक बच्चे को तड़पकर मरते देखा. जब उसे ये अहसास हो गया कि सभी मर गए तब प्रेमी और उसके साथ आए किराए के किलर को भागने में मदद की. अदालत ने मामले में महिला और उसके प्रेमी को दोषी पाया है.
मामले में एडवोकेट अशोक शर्मा ने पीड़ित पक्ष और राज्य सरकार की ओर से पैरवी की. अपर जिला एवं सेशन न्यायधीश संख्या दो डॉक्टर रेणु श्रीवास्तव ने आरोपी प्रेमी हनुमान और महिला संतोष उर्फ संध्या को दिया दोषी करार दिया है. ममाले में सजा पर मंगलवार को फैसला सुनाया जाएगा.
जिसने भी सुना उसकी रूह कांप गई
ये घटना 2 अक्टूबर 2017 की आधी रात की है. घटना के अगले दिन 2 अक्टूबर की सुबह घर में 5 शव रक्तरंजित हाल में पड़े थे. इसमें एक महिला का पति और 3 मासूम बच्चे और एक देवरानी का बच्चा थे. इस घटना ने सबको झकझोर दिया. महिला संध्या विलाप कर रही थी. बीमार होकर अस्पताल में भर्ती होने लग गई. इधर पुलिस को उसकी इन हरकतों पर शक होने लगा. उसकी इन कवायदों में अभिनय की बू आ रही थी. पुलिस ने जांच शुरू की. जल्द ही घटना के तह तक पहुंच गई. जब मामले का खुलासा किया तो लोग उस महिला की ममता को कोसने लगे. उसकी मां और पत्नी बनने पर विधाता को कोसते नजर आए.
ताइक्वांडो सीखने के दौरान हुआ युवक से प्यार
संतोष उर्फ संध्या की शादी कोटा के शिवाजी पार्क इलाके में रहने वाले बनवारी के साथ शादी हुई थी. संध्या और बनवारी के अमन (17) हैपी (14) और अज्जू (9) बच्चे थे. संध्या ताइक्वांडो सीखती थी. वहां उसकी मुलाकात हनुमान प्रसाद से हुई. हनुमान और संध्या एक दूसरे के करीब आए और फिजिकल रिलेशन हो गए. 3 साल तक ये सब चलता रहा. इसकी भनक पति बनवारी को हुई तब घर में विवाद हुआ. आरोप है कि पति बनवारी ने संध्या से मारपीट भी की. इसके बाद गुस्साई संध्या ने प्रेमी के साथ मिलकर पति को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया.
षड्यंत्र के तहत रायते में मिलाई नशे की गोली
प्रेमी हनुमान के साथ मिलकर संध्या ने षड्यंत्र रचा. पहले पति को मारने की योजना बनी. फिर ये बात सामने आई कि बच्चों का क्या होगा. ऐसे में संध्या ने बच्चों को भी मारने का प्लान बनाया. योजना के तहत उसने 2-3 अक्टूबर की दरम्यानी रात में रायते में नशे की गोली मिली दी. उस रात देवरानी की लड़की 12 वर्षीय निक्की भी इनके साथ ही सोई थी. वहीं देवरानी पति के साथ छोटे बेटे विनय को लेकर छत पर सो रही थी. इधर संध्या ने प्रेमी और उसके दो साथियों को छत पर खड़े होकर आने का इशारा किया. तीनों घर में घुसे.
बड़े बेटे ने नहीं खाया था रायता, वो जाग गया
बड़े बेटे अमन की तबीयत खराब होने के कारण वो खाना नहीं खाया था. संध्या को डर था कि कहीं वो जग न जाए. हुआ भी यही. जीरो वॉट के बल्ब की रौशनी में पहले बनवारी को हत्यारों ने मारा. बनवारी का कत्ल करते ही अमन जग गया. फिर हत्यारों ने उसे ठिकाने लगा दिया. फिर एक-एक करके सबको मार दिया. ये सब संध्या सीढ़ियों में खड़े होकर देख रही थी.