Udaipur: 1.5 करोड़ का हाथी दांत के साथ पकड़े गए तस्कर, पुलिस अफसर की मिलिभगत का खुलासा
Gang smuggling wild animal parts has been exposed: उदयपुर (udaipur news) में वन्य जीवों के अंगों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. सब इंस्पेक्टर ने धौंस दिखाकर 2 लाख में हाथी दांत खरीदा. यह गिरोह 2 दिन पहले ही हाथी दांत बेचने आए […]

Gang smuggling wild animal parts has been exposed: उदयपुर (udaipur news) में वन्य जीवों के अंगों की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. सब इंस्पेक्टर ने धौंस दिखाकर 2 लाख में हाथी दांत खरीदा. यह गिरोह 2 दिन पहले ही हाथी दांत बेचने आए थे. इस गिरोह के सरगना सीआरपीएफ के सब इंस्पेक्टर (उप निरीक्षक) राहुल मीणा ने अपने पद की धौंस दिखाकर तस्करों से सिर्फ 2 लाख रुपए में खरीदा था. जबकि खरीददार इस हाथी दांत के 1.50 करोड़ में बेचना चाहते थे. पकड़े गए आरोपियों में राहुल के अलावा उसका करीबी रिश्तेदार अर्जुन मीणा और संजय और दोस्त अमृत सिंह गुर्जर, रीटा शाह शामिल है.
ऐसे रची साजिश
राहुल ने तमिलनाडु के कोयंबटूर से 2 लाख में खरीद कर उसके मित्र अर्जुन मीणा, संजय और अमृत सिंह को उदयपुर घुमाने की बात कहकर अलवर से बुलाया था. बाद में राहुल ने सभी को उदयपुर एक-एक लाख रुपए का लालच देकर प्लान में शामिल कर लिया था.
यही नहीं, मास्टरमाइंड राहुल को शक था कि पुलिस को भनक नहीं लग जाए, इसके लिए उसने रीटा नाम की महिला को शामिल किया. यह महिला अमृत के दोस्त की गर्लफेंड है. पांचों को आरोपियों को 5 अक्टूबर तक रिमांड पर रखा गया है. अब टीमें राहुल को मौका तस्दीक और पूछताछ के लिए दिल्ली और जयपुर लेकर जाएगी.
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ग्राहक की तलाश करते पुलिस के शिकंजे में
पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी सब इंस्पेक्टर राहुल की जुलाई- 2022 में कोयंबटूर, तमिलनाडु में ट्रेनिंग के दौरान तस्करों से मुलाकात हुई. जबकि उसकी पोस्टिंग कश्मीर के सोपार में थी. अगस्त में छुट्टी लेकर कोयंबटूर गया था. इसी दौरान उसने 3 फीट लंबा और 8 किलो वजनी यह हाथी दांत खरीदा था. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपए है. सभी 5 दिन पहले अलवर से उदयपुर आए. यहां ग्राहक की तलाश कर रहे थे, तभी उदयपुर की सवीना पुलिस के शिकंजे में फंस गए.
आम हो गई तस्करी की ऐसी घटनाएं
हालांकि दक्षिणी राजस्थान में वन्य जीवों के अंगों की तस्करी का यह पहला मामला नहीं है. नाखून, खालों सहित अन्य सामान की तस्करी के पहले भी कई खुलासे हुए हैं. अब भी पुलिस और वन विभाग के लिए वन्य जीव तस्कर बड़ी चुनौती हैं. रंग-बिरंगे सांप व अजगर की चमड़ी, स्टार कछुए, पैंथर और टाइगर की खाल, दांत नाखून, लोमड़ी की खाल, दांत नाखून बाल, हाथी दांत, हिरण के सींग, सियार के सिर की हड्डी, उल्लू के नाखून, घाघरोली तोते की मनुष्य की आवाज की नकल के चलते और तीतर खरगोश होटलों में मांसाहारी भोजन के लिए शिकार किए जाते हैं.