Udaipur News: सवाईमाधोपुर स्थित रणथम्भौर टाइगर रिजर्व से बाघ टी-104 को 10 मई सुबह उदयपुर के सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क में शिफ्ट किया गया था. शिफ्ट होने के 24 घंटे के भीतर ही खूंखार बाघ की मौत हो गई. इस पूरे मामले में रणथम्भौर में वन विभाग की कार्य प्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. जानकारी के अनुसार उदयपुर के सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क में मंगलवार देर रात करीब 11ः30 बजे बाघ की मौत हो गई. हालांकि अब तक इस संबंध में सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क के अधिकारियों की ओर से स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा रहा है, लेकिन सूत्रों की मानें तो अब टी-104 भी दम तोड़ चुका है.
जानकारी के मुताबिक बाघ को रणथम्भौर के भिड नाके पर बने एनक्लोजर में मंगलवार सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर ट्रेंकुलाइज किया गया था. इसके बाद सुबह करीब आठ बजे बाघ को रणथम्भौर से उदयपुर के लिए रवाना किया गया. दोपहर करीब डेढ़ से 2 बजे के बीच में वन विभाग की टीम बाघ को लेकर उदयपुर के सज्जनगढ़ बॉयोलोजिकल पार्क पहुंची थी. इसके बाद वन विभाग की ओर से बाघ की कई घटों तक पिंजरे में मॉनिटरिंग की गई और बाघ को रात करीब 8 बजे बॉयोलोजिकल पार्क में रिलीज किया गया.
इसके बाद बाघ करीब रात 10 बजे वहां बने एक वाटर हॉल में जाकर पानी में बैठ गया. इस दौरान वन विभाग की ओर से बाघ की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही थी. गश्त कर रहे वन कर्मी जब रात 11:30 बजे उस स्थान पर वापस आए, तब बाघ उन्हें उसी स्थान पर लेटा हुआ नजर आया. इससे वन कर्मियों को अनहोनी होने का शक हुआ। इसके बाद वन कर्मियों ने शोर मचाकर बाघ को उठाने का प्रयास किया, लेकिन बाघ ने कोई मूवमेंट नहीं किया. इसके बाद नजदीक जाने पर पता चला की बाघ की मौत हो चुकी है.