धौलपुर: अब धौलपुर-करौली के जंगलों में दहाड़ेंगे चीता, प्रदेश में पांचवा टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी, जानें

Umesh Mishra

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Dholpur news: वन्यजीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी आई है. यह अच्छी खबर राजस्थान से आ रही है. बता दें धौलपुर और करौली के जंगलो को जोड़कर पांचवा टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा. नए टाइगर रिजर्व के लिए नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है और जल्द ही नोटिफिकेशन जारी होने का काम शुरू हो जाएगा. सवाईमाधोपुर के रणथंभौर अभयारण्य में आए दिन वर्चस्व की लड़ाई में कई बाघ जान गवां चुके हैं, नए टाइगर रिजर्व के बनने के बाद इसमें कमी आएगी. क्योंकि उन्हें मूवमेंट के लिए रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व और धौलपुर-सरमथुरा-करौली टाइगर रिजर्व एरिया मिल जाएगा. इस तरह यह राजस्थान का पांचवां और भरतपुर संभाग में दूसरा टाइगर रिजर्व होगा.

वन विभाग की टीम ने सरमथुरा के जंगलों में चार साल से डेरा जमाए टाइगरों की निगरानी बढ़ा दी थी. उनके मूवमेंट पर लगातार नजर रखी जा रही थी. वन विभाग के उप वन संरक्षक किशोर गुप्ता ने बताया कि रणथंभौर में टाइगर्स की संख्या काफी ज्यादा थी, इसीलिए उनमें अक्सर अपनी टेरेटरी के लिए संघर्ष होता रहता था. इसमें कई बार टाइगर्स की मौत तक हो जाती थी. वहीं कुछ टाइगर्स करौली के कैलादेवी अभयारण्य होते हुए सरमथुरा एवं धौलपुर तक और दूसरी ओर रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व की ओर मूवमेंट कर जाते थे.

धौलपुर-करौली के जंगलों को जोड़कर बनाया जाएगा
साल 2022 में धौलपुर के सरमथुरा वन क्षेत्र और करौली के मासलपुर वन क्षेत्र के साथ भरतपुर के वन क्षेत्र को मिलाकर एक नया टाइगर रिजर्व का प्रस्ताव वन विभाग की और से एनटीसीए को भेजा गया था. इससे यहां बाघों का ठीक से संरक्षण होगा. वहीं पर्यटकों को टाइगर सफारी के लिए एक और डेस्टिनेशन मिल जाएगी. साथ ही पर्यटन के साथ रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे और सवाईमाधोपुर के रणथंभौर अभयारण्य में आए दिन होने वाली वर्चस्व की लड़ाई भी कम होगी. धौलपुर के सरमथुरा क्षेत्र का 170 वर्ग किलोमीटर और करौली का 197 वर्ग किलोमीटर एरिया टाइगर रिजर्व में शामिल होगा. अब पर्यटक सवाईमाधोपुर से करौली होते हुए धौलपुर आ सकेंगे.

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बता दें कि रणथंभौर में टाइगरों की संख्या अधिक होने से वहां अक्सर उनमें वर्चस्व की लड़ाई होती थी. चार साल से धौलपुर-सरमथुरा रेंज में टाइगर्स ना केवल स्थाई निवास बनाए हुए थे बल्कि कुनबा भी बढ़ा रहे थे. इसलिए जरूरी था कि धौलपुर-सरमथुरा-करौली को मिलाकर नया टाइगर रिजर्व बने. वर्तमान में धौलपुर जिले के सरमथुरा उपखंड के जंगलो में वर्तमान में चार टाइगर विचरण कर रहे हैं. टी-116 और टी-117 और उनके दो शावक शामिल हैं.

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