Dholpur News: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा की पालना में धौलपुर जिले के सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को सप्ताह में दो बार दूध वितरण की बाल गोपाल योजना फिलहाल ठंडे बस्ते में है. साथ ही बच्चों को आधा सत्र बीत जाने के बाद भी बजट घोषणा के मुताबिक निशुल्क ड्रेस भी नहीं मिली है.
जिले के सभी सरकारी स्कूलों में मिल्क पाउडर पहुंचे दो महीने हो गए, लेकिन राजस्थान के लाखों बच्चे सेहत के गिलास के लिए बाल गोपाल योजना के शुरूआत होने का इंतजार कर रहे हैं. स्कूलो में भेजे गए दूध पावडर के पैकेटों को शिक्षक लॉकर में रख कर सुरक्षा कर रहे हैं.
बता दें कि सरकारी स्कूलों में मिड डे मील में सुबह के वक्त बच्चों को दूध देने का उद्देश्य बच्चो के नामांकन, उपस्थिति में वृद्धि, ड्रॉपआउट को रोकना,पोषण स्तर में वृद्धि एवं आवश्यक पोषक तत्व उपलब्ध कराना है. इसके लिए मुख्यमंत्री गहलोत बाल गोपाल योजना के तहत सरकारी स्कूल,मदरसों में कक्षा एक से आठवीं तक के बच्चों को सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को प्रार्थना सभा के तुरंत बाद पाउडर वाला दूध पिलाए जाने की योजना है. इस दिन छुट्टी होने की स्थिति में अगले दिन दूध वितरित किए जाने की योजना है. साथ ही बजट घोषणा के मुताबिक बच्चों को निशुल्क ड्रेस भी दी जानी थी, लेकिन यह दोनों घोषणाएं सियासी उलझन में उलझ गई हैं.
जिले के कक्षा एक से आठवीं तक के एक हजार 170 सरकारी स्कूलों व मदरसों में पढ़ने वाले करीब पौने दो लाख बच्चों को योजना से लाभान्वित किया जाएगा. साथ ही बच्चों को निशुल्क ड्रेस भी दी जानी है.
बता दें कि वसुंधरा सरकार में मिड डे मील योजना के तहत दो जुलाई 2018 को अन्नपूर्णा दूध योजना शुरू की गई थी. जिसे गहलोत सरकार ने मार्च 2020 में बंद कर दिया था. पिछली सरकार की ओर से बच्चों को सप्ताह में तीन दिन दूध दिया जाता था, जिसे अगस्त महीने से सप्ताह में सोमवार से शनिवार तक 6 दिन कर दिया गया था. गहलोत सरकार ने कोरोना फैलने पर इस योजना को बंद कर दिया था.
कंटेंट: उमेश मिश्रा