कांग्रेस का लोकसभा टिकट दिलाने के नाम पर ठगे 40 लाख रुपए, आरोपी पर 1 हजार का इनाम

Umesh Mishra

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Dholpur News: धौलपुर जिले में एक पूर्व विधायक की पुत्रवधू को लोकसभा चुनाव की टिकट दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले युवकों पर पुलिस ने इनाम रखा है. जिले के बाड़ी उपखंड के कांग्रेस के पूर्व विधायक स्वर्गीय बलवंत सिंह जाटव की पुत्रवधू ममता अजर को साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट दिलाने का झांसा देकर चालीस लाख रुपए के धोखाधड़ी एक युवक ने की. धौलपुर एसपी धर्मेंद्र सिंह द्वारा बाड़ी कोतवाली थाने से धोखाधड़ी के मामले में पिछले तीन साल से फरार चल रहे आरोपी की गिरफ्तारी पर इनाम घोषित किया गया है. पुलिस ने फरार आरोपी हरिचरण पुत्र किशनलाल जाटव निवासी बरौली का पुरा थाना सदर, हाल निवासी गुरुहरसाय जिला फिरोजपुर पंजाब पर इनाम घोषित किया है.

बता दें कि 4 मई को 2019 को बाड़ी उपखंड के कांग्रेस के पूर्व विधायक स्वर्गीय बलवंत सिंह जाटव की पुत्रवधू ममता पत्नी मुकेश अजर ने कोर्ट के इस्तगासा पर बाड़ी पुलिस थाने पर आईपीसी की धारा 420, 406, 467 का मामला दर्ज कराया था. रिपोर्ट में परिवादी ममता अजर ने बताया कि बाड़ी उपखंड के बरौली पुरा गांव के बांकेलाल पुत्र किशनलाल और हरीचरण पुत्र किशनलाल दोनों सगे भाइयों ने लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस पार्टी का टिकट दिलाने का झांसा देकर उससे चालीस लाख रूपए ठगे हैं.

आरोपी बांकेलाल ने ममता को बताया कि उसका भाई हरिचरण पंजाब में रहता हैं और जिसकी वहां पर कांग्रेस के कई बड़े नेताओं से अच्छी मुलाकात हैं और हरीचरण कांग्रेस की टिकट दिलावा सकता है. इस पर ममता और उसका पति मुकेश बांकेलाल के झांसे में आ गए. आरोपी बांकेलाल ममता और उसके पति मुकेश को पंजाब लेकर पहुंचा. पंजाब में हरीचरण और बांकेलाल ने उन्हें पंजाब सरकार के पूर्व केबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी के बंगले पर ले जाकर मिलवाया. बातचीत के दौरान उन्होंने पार्टी के फंड के नाम से 40 लाख रूपये मांगे और टिकट दिलाने का पक्का वादा किया. उस समय पंजाब में कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार थी और सोढ़ी उसमें खेल मंत्री थे.

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इसके बाद ममता और उसके पति ने मकान और जेबर बेचकर दो किश्तों में दस लाख और तीस लाख रूपये हरीचरण और बांकेलाल को दे दिए. लेकिन टिकट नहीं मिलने पर ममता और उसके पति ने पैसों का दोनों आरोपियों से तगादा किया तो दोनों ने पैसे नहीं लौटाए. परिवादी और उसके पति को पंजाब आने पर जान से मारने की धमकी दी गई. इसके बाद ममता अजर ने मई 2019 को कोर्ट में इस्तगासा पेश किया.

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कोर्ट के इस्तगासे पर बाड़ी थाना पुलिस ने 04 मई 2019 को मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपी बांकेलाल पुत्र किशनलाल को 22 जुलाई 2019 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जो जमानत पर चल रहा हैं, जबकि दूसरा आरोपी हरिचरन जाटव अभी फरार है. तीसरे आरोपी पूर्व मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी है. तीन साल से मामला कोर्ट में विचाराधीन चल रहा हैं. मामले का दूसरा आरोपी हरिचरण जाटव को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी, जिसे फरार घोषित किया है. आरोपी हरिचरण पर पुलिस ने एक हजार रूपए का इनाम घोषित किया हैं.

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तीसरे आरोपी पूर्व मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी को लेकर बाड़ी के एमजेएम कोर्ट ने इसी वर्ष अगस्त, सितम्बर और अक्टूबर महीने में तीन जमानती वारंट जारी किये थे. लेकिन पुलिस द्वारा पूर्व मंत्री सोढ़ी को पकड़ा नहीं जा सका. ऐसे में कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए अब अरेस्ट वारंट जारी किया है, जिसमें पूर्व मंत्री सोढ़ी को 03 जनवरी 2023 तक कोर्ट में पेश होने के लिए पुलिस को निर्देश दिए हैं.

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बता दें कि पीड़ित ममता अजर के ससुर स्वर्गीय बलवंत सिंह जाटव बाड़ी से 1969 में कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं. परिवार के ही बांकेलाल जाटव का भाई हरिचरण पंजाब के फिरोजपुर में पूर्व केबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह सोढ़ी के यहां रहता है और पत्थर मार्बल लगाने की ठेकेदारी करता है. बांकेलाल का ममता अजर के ससुराल में आना-जाना रहता था. 2019 में लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई. इस पर बांकेलाल ने उनको करौली-धौलपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस का टिकट दिलाने का भरोसा दिलाया और अपने भाई हरिचरण से फोन पर बात कराई. इसके बाद मुकेश अजर अपनी पत्नी ममता को लेकर बांकेलाल के साथ पंजाब के फिरोजपुर गया. जहां बांकेलाल के भाई हरिचरण ने गुरमीत सिंह सोढ़ी से बात कराई और पार्टी फंड के नाम पर 40 लाख रुपए देने की बात हुई.

 

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