धौलपुर: दुल्हन को लेने पहुंचने वाली थी बारात, तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर रुकवाया नाबालिग का विवाह

Dholpur: धौलपुर जिले के राजाखेड़ा उपखंड के गांव नादौली की शाला में उपखंड प्रशासन ने एक नाबालिग लड़की के बाल विवाह को मौके पर पहुंचकर रुकवाया है. उपखंड के गांव नादौली की शाला में एक नाबालिग लड़की का सोमवार को विवाह हो रहा था. लेकिन जिस परिवार में नाबालिग लड़की की गुपचुप तरीके से शादी हो रही […]

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Dholpur: धौलपुर जिले के राजाखेड़ा उपखंड के गांव नादौली की शाला में उपखंड प्रशासन ने एक नाबालिग लड़की के बाल विवाह को मौके पर पहुंचकर रुकवाया है. उपखंड के गांव नादौली की शाला में एक नाबालिग लड़की का सोमवार को विवाह हो रहा था. लेकिन जिस परिवार में नाबालिग लड़की की गुपचुप तरीके से शादी हो रही थी, वहां पर कोई भी सजावट और रौनक के साथ शादी जैसा माहौल नहीं था.

जब राजाखेड़ा तहसीलदार दिनेश चंद्र हल्का पटवारी और पुलिस जाप्ता के साथ गांव में पहुंचे और ग्रामीणों से जानकारी की तो वहां पर शादी होने की जानकारी मिली. इसके बाद तहसीलदार ने नाबालिग लड़की के घर पहुंच कर परिजनों से नाबालिग के उम्र सबंधी दस्तावेज मांगे, लेकिन नाबालिग की उम्र सम्बन्धी दस्ताबेज नहीं मिलने पर वहां पर मौजूद लोगों ने लड़की को नाबालिग बताया और लड़की की उम्र करीब 15 वर्ष के आस-पास बताई गई.जिसके बाद तहसीलदार दिनेश चंद्र ने परिजनों से समझाइस की और बाल विवाह करने पर कानूनी कार्रवाई का हवाला दिया.

प्रशासन की समझाइश पर परिजन मान गए. नाबालिग लड़की की बारात जिले के बसेड़ी उपखंड के कोटरा गांव से आ रही थी, जिसको लेकर तहसीलदार ने वर पक्ष के लोगों को पाबंद करने के लिए तहसीलदार बसेड़ी को सूचना दी. जिसके बाद वर पक्ष बारात लेकर नाबालिग लड़की के यहां नहीं पहुंचे. तहसीलदार ने नाबालिग लड़की के सभी परिवारजन को पाबंद कर वर पक्ष के लोगों को भी पाबंद करा दिया है.नइस दौरान राजाखेड़ा तहसीलदार के साथ हल्का पटवारी और पुलिस का जाब्ता मौजूद रहा.

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तहसीलदार दिनेश चंद्र ने बताया कि राजाखेड़ा एसडीएम को किसी ने लिखित में शिकायत की थी, जिसमें उसने बताया कि गांव नादौली की शाला में नाबालिग लड़की की शादी हो रही है, एसडीएम के निर्देश पर हल्का पटवारी और पुलिस जाप्ता के साथ गांव में पहुंचे, जहां नाबालिग लड़की के परिजनों से नाबालिग के उम्र सबंधी दस्तावेज मांगे लेकिन नाबालिग की उम्र सम्बन्धी दस्ताबेज नहीं मिलने पर वहां पर मौजूद लोगों ने लड़की को नाबालिग बताया गया. जिसके बाद परिजनों से समझाइश की और बाल विवाह करने पर कानूनी कार्रवाई का हवाला दिया और परिजनों को पाबंद किया.

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