सीएम गहलोत की पुलिस अधिकारियों के साथ इमरजेंसी मीटिंग, जानें कारण
Rajasthan News: राजस्थान में बिगड़ती कानून व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है. यहाँ तक की राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश करते ही सीकर में गैंगस्टर राजू ठेहट हत्याकांड हो या फिर यात्रा में किसानों के ऊपर लाठीचार्ज, यहाँ तक की यात्रा में ही एक युवक के आत्महत्या करने के प्रयास […]
ADVERTISEMENT
Rajasthan News: राजस्थान में बिगड़ती कानून व्यवस्था किसी से छिपी नहीं है. यहाँ तक की राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश करते ही सीकर में गैंगस्टर राजू ठेहट हत्याकांड हो या फिर यात्रा में किसानों के ऊपर लाठीचार्ज, यहाँ तक की यात्रा में ही एक युवक के आत्महत्या करने के प्रयास पर इंटेलिजेंस का कितना फेल्यॉर है. यह बानगी काफी है. यहीं वजह है की राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जो खुद राजस्थान के गृहमंत्री हैं, उन्हें पुलिस महकमें की इमरजेंसी मीटिंग बुलानी पड़ गई.
सीएम गहलोत ने गुरुवार देर रात 9 बजे तक पुलिस मुख्यालय में बैठक ली. हालांकि इस बैठक को भले ही समीक्षा बैठक नाम दिया गया हो लेकिन सोनिया गांधी, राहुल गांधी के राजस्थान में होने के बावजूद उन सबको छोड़कर मुख्यमंत्री को जयपुर आकर पुलिस के आला अधिकारियों की बैठक लेनी पड़ गई. बैठक के बाद खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मीडिया से भी मुखातिब हुए.
गहलोत Vs पायलट एपिसोड 3: जहां से शुरू हुआ था ये किस्सा घूमकर वहीं पहुंचा? जानें
ADVERTISEMENT
यह भी पढ़ें...
सीएम ने कहा कि राजस्थान में क्राइम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं होगा. सीकर हत्याकांड में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं महिलाओं पर अत्याचार को लेकर भी अलग से अधिकारी लगाए गए हैं. साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाले अपराधियों को लेकर भी चर्चा हुई है. पुलिस थानों में स्वागत कक्ष बनाए हैं, जिसमें फरियादियों की सुनवाई हो रही है. एससी-एसटी के तफ्तीश के मामले की जाँच में भी समय कम हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े बढ़ चढ़ कर आते हैं. जो अनावश्यक रूप से राजस्थान को बदनाम कर रहें है. जबकि राष्ट्रीय औसत की तुलना में अपराध की स्थिति राजस्थान में बेहतर है.
करौलीः हिंडौन में दूषित पानी से चलते 2 की मौत, सरकार ने मांगी रिपोर्ट
ADVERTISEMENT
इसके अलावा प्रदेश में 8 बजे बाद शराब बिकने पर रोक का असर कम होने के बाद एक बार फिर अभियान चलाया जाएगा. जिसमें थाना प्रभारी, सीओ और एसपी की जिम्मेदारी होगी. वहीं जमीनों के मामलों में माफियाओं पर अभियान चलेगा. इसको लेकर गृह सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी भी बनेगी. जो 2 महीनों में रिपोर्ट पेश करेगी.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT